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Apr 5, 2021

गीतः वो देखें तो !


-डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

आया है रंगीला मौसम,

कैसा छैल-छबीला मौसम।

 

सब्ज धरा के अंग -अंग पर,

लाल, गुलाबी , पीला मौसम।

 

बागों में बौराया डोले

सुन्दर, खूब सजीला मौसम।

 

आकर बैठ गया धरने पर,

देखो आज हठीला मौसम।

 

आँखों में अक्सर रहता है,

सूखा कभी पनीला मौसम।

 

धोखा देकर इन कलियों को,

भाग गया फुर्तीला मौसम।

 

वो देखें तो मुझपर छाए,

जाने क्यों शर्मीला मौसम।


सम्पर्कः वापी, गुजरात

8 comments:

Gunjan Garg Agarwal said...

मनहर प्रस्तुति💐💐👌👌💐💐

प्रीति अग्रवाल said...

बहुत सुंदर गीत!

ज्योति-कलश said...

रचना को स्थान देने के लिए हृदय से आभार रत्ना जी 💐🙏

ज्योति-कलश said...

हार्दिक धन्यवाद गुंजन जी 🌷🙏

ज्योति-कलश said...

हार्दिक धन्यवाद प्रीति जी 🌷🙏

Vidyottma said...

बहुत सरस,मनभावन

Unknown said...

बहुत सुंदर गीत

Varnika said...

Enthralling 😍