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Apr 16, 2019

चंदा को चर गया भ्रष्टाचार

चंदा को चर गया भ्रष्टाचार
- डॉ. महेश परिमल
अभी-अभी हमारे बहुत ही करीब से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस गुजरा। इसके पहले जब भी सफल महिलाओं की बात होती, तो एक नाम अवश्य उभरता, जो इस साल पूरी तरह से भुला दिया गया। वह नाम है चंदा कोचर का। अब तक इनका नाम महिलाओं के प्रतिनिधित्व में विशेष रूप से लिया जाता था।  बैंकिंग के क्षेत्र में चंदा कोचर की सलाह को विशेष रूप से प्राथमिकता दी जाती थी। पर कुछ भूलों के कारण उनकी काफी बदनामी हुई। अब उनके खिलाफ इंवेस्टिगेशनडिरेक्टोरेट (इडी) का छापा पड़ रहा है। संभवत: वे जेल भी जा सकतीं हैं। पति और देवर ने मिलकर उनके बैंकिंग कैरियर को एक तरह से रौंद ही डाला है। समझ में नहीं आता कि बैंकिंग के क्षेत्र में कार्य करते हुए हमेशा भ्रष्टाचार से दूर रहने की सलाह देने वाली वे स्वयं कैसे ग़ाफिल रह गई कि उनके नाक के नीचे भ्रष्टाचार होता रहा और वे समझ नहीं पाईं।
चंदा कोचर ने जाँच से पीछा छुड़ाने के लिए काफी कोशिशें की। उनके पति दीपक कोचर के दोस्त और वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक को पूरी तैयारी के साथ लूट लिया। चोर-डाकू तो बैंक को बंदूक की नोक पर लूटते हैं, पर चंदा कोचर के पति दीपक कोचरऔर वेणुगोपाल ने अपना काम इतनी खामोशी से किया कि किसी को पता भी नहीं चल पाया। चंदा कोचर ने जो काम किए, वह पकड़ में बिलकुल भी नहीं आती। पर एक व्हीसलब्लॉगर ने इस घोटाले की जानकारी देते हुए ब्लॉग लिखा। यह ब्लॉग देश की विख्यात बैंक के चेयरमैन के खिलाफ जानकारी दे रहा था, इसलिए इसे कोई अनदेखा कर रहा था। यहाँ तक कि स्वयं चंदा कोचर ने इस ब्लॉग की खिल्ली उड़ाई थी। बाद में इसकी गंभीरता को समझते हुए उसने समाधान के प्रयास भी किए। 3250 करोड़ वापस करने के लिए भी वे तैयार थीं। इसके लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को साधने के लिए कुछ बिचौलिओं को सक्रिय किया गया था। बाद में उन्हें सूचना मिली कि पहले राशि की भरपाई करो, उसके बाद मामला वापस लेने पर विचार किया जाएगा। चंदा कोचर और उनके पति  दीपक कोचर और वेणुगोपाल जान गए थे कि सरकार उनसे राशि ले लेगी और उन्हें गिरफ्तार भी कर लेगी। वास्तविकता यही है कि चंदा कोचर एंड कंपनी को बैंक की देनदारी भी वापस करनी होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
वीडियोकॉन के साथ सम्बद्ध अन्य कंपनियों को भी भारी लोन दिया गया था। साफ शब्दों में कहा जाए, तो चंदा कोचर के पति और उनके देवर ने इन कंपनियों को धोखा दिया था। यदि इडी के सामने चंदा कोचर सब कुछ सही-सही बता देतीं हैं, तो उनके पति और देवर सलाखों के पीछे हो सकते हैं। इसलिए सरकार ने चारों घोटालेबाजों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया। एंफोर्समेंट डायरेक्टरोरेट द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर ही कई लोग अपना अपराध स्वीकार लेते हैं। प्रियंका वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से इडी ने जब लगातार चार दिनों तक पूछताछ की, तो राबर्ट के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी थी।
किसका पैसा, कहाँ से आया, प्राप्त की गई राशि का टैक्स भरा या नहीं आदि ऐसे प्रश्नों से आर्थिक अपराधी सरेंडर हो जाते हैं। लोन किस दस्तावेज के आधार पर दिया गया? वेणुगोपाल से आपकी क्या रिश्तेदारी है। इसका जवाब देते समय चंदा कोचर भी घबरा गई थीं। चंदा कोचर ने बैंकिंग सिस्टम पर जमे विश्वास को डांवाडोल कर दिया है। इन दिनों बैंक स्वयं नान परफार्मिंगएसेट (एनपीए) के वायरस से पीड़ित है, तो दूसरी तरफ बड़ी बैंकिंग के चेयरमैन द्वारा ही धड़ाधड़ लोन देने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। आर्थिक अपराध में सामान्य रूप से बैंक के स्टाफ को ही बलि का बकरा बनाया है, पर इस मामले में बाड़ ही खेत को खा गई।
एक समय ऐसा भी था, जब आईसीआईसीआई बैंक के अन्य डायरेक्टरों ने चंदा कोचर को क्लीनचीट दी थी। इन डिरेक्टरों के खिलाफ भी जांच चल रही है। चंदा कोचर को अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखना था। अपने उद्बोधन में वे हमेशा कर्मचारियों को भ्रष्टाचार से दूर रहने की सलाह दिया करती थीं। जब घोटाले की आँच उनकी कुर्सी तक पहुँची, तब तक उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है। आखिर में वे जब घोटाले की सूत्रधार के रूप में उभरकर सामने आई, तब मुँह छिपाने की भी जगह नहीं बची थी।
बैंकिंग के क्षेत्र में एक दैदीप्यमान तारा अचानक धुँधला हो गया। उस पर कालिख पोत दी गई। जिसका नाम गर्व के साथ लिया जाता था, वह नाम ही आज बदनामी का शिकार हो गया। आखिर पति की हरकतों को क्यों नहीं समझ पाई चंदा कोचर। अब नारियाँ भला अपने आदर्श को इस तरह से सीखचों के पीछे देख पाएँगी। विश्वास का एक नाम था चंदा कोचर, जो आज भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया। इसके बाद यह कहा जा सकता है कि देश में आज भी पितृ सत्तात्मक सत्ता जारी है। चंदा कोचर कितनी भी आधुनिक महिला हो जाएँ, वह कितनी भी सफल हो जाएँ, पर आज भी वह कहीं न कहीं पति के हाथों विवश हैं। पति ने जो चाहा, उससे करवा लिया। पति ने अपनों के लिए लोन की जितनी सिफारिशें की, चंदा ने आँख बंदकर उसे आगे बढ़ा दिया। वह यह भी नहीं समझ पाई कि पति गलत भी हो सकते हैं। इस तरह से वह विशेष नारी होने के बाद एक आम साधारण नारी ही बनकर रह गईं।

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