उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Sep 9, 2018

शुक्र है शिक्षक हूँ

 1.शुक्र है शिक्षक हूँ

- शबनम शर्मा

नेता नहीं, एक्टर नहीं, रिश्वत खोर नहीं,
शुक्र है शिक्षक हूँ, कुछ और नहीं।
न मैं स्पाइसजेट में घूमने वाला गरीब हूँ,
न मैं किसी पार्टी के करीब हूँ,
कभी राष्ट्रीयता की बहस में मैं पड़ता नहीं,
मैं जन धन का लुटेरा या टैक्स चोर नहीं,
शुक्र है शिक्षक हूँ, कुछ और नहीं।
न मेरे पास मंच पर चिल्लाने का वक्त है,
न मेरा कोई दोस्त अफज़ल, याकूब का भक्त है,
न मुझे देश में देश से आज़ादी का अरमान है,
न मुझे दो-चार पोथे पढ़ लेने का गुमान है,
मेरी मौत पर गन्दी राजनीति नहीं, कोई शोर नहीं,
शुक्र है शिक्षक हूँ, कुछ और नहीं।
मेरे पास मैडल नहीं वापस लौटाने को,
नकली आँसू भी नहीं बेवजह बहाने को,
न झूठे वादे हैं, न वादा खिलाफी है,
कुछ देर चैन से सो लूँ, इतना ही काफी है,
बेशक खामोश हूँ, मगर कमज़ोर नहीं,
शुक्र है शिक्षक हूँ, कुछ और नहीं।
मैं और सड़क एक जैसे कहलाते हैं
क्योंकि हम दोनों वहीं रहते हैं
लेकिन सबको मंजिल तक पहुँचाते हैं,
रोज़ वही कक्षा, वही बच्चे, पर होता मैं
कभी बोर नहीं,
शुक्र है शिक्षक हूँ, कुछ और नहीं।

2. शिक्षक
इतना आसान नहीं है
शिक्षक बनना
उतरना पड़ता है
हर हृदय, हर मस्तिष्क
की उन छोटी-छोटी नसों में,
जो दिल से होकर दिमाग
तक जाती, और जीवन का
सच्चा मोल बताती।
बनाती हर बच्चे को
इक प्यारा सा इन्सान
जो, अपना हर किरदार
सही पथ पर, सही समय
पर निभा सके।
शिक्षक, सिर्फ शिक्षक नहीं होता,
वह एक मित्र है, भाई है,
माँ है, बाप है,
वर्तमान है, भविष्य है
रक्षक है, भक्षक है
क्योंकि शिक्षक का कहा
एक- एक शब्द
उसके बच्चों के लिए
भगवान का शब्द होता है,
त्यागना होता है
अपना सर्वस्व
और उड़ेलनी है
अपनी हर खुशी
जनहित में।
सम्पर्कः अनमोल कुंज, पुलिस चौकी के पीछे, मेन बाजार, माजरा, तह. पांवटा साहिब,
जिला सिरमौर, हि.प्र.मोब. ०९८१६८३८९०९, ०९६३८५६९२३, E-mail- shabnamsharma2006@yahoo.co.in

No comments: