1. उसके मरने के बाद
“क्या हुआ? ये हल्ला कैसा है?” मोहल्ले में घुसते हुए मैंने भीड़ लगी देखी, तो आशंकित होकर पड़ोसी अनूप से पूछा।
“आपको नहीं पता?” वह धीरे से बोला, “बी ब्लॉक वाले शशधर जी की लड़की मर गयी! जवान लड़की!”
“शशधर जी की लड़की?” कुछ याद करता हुआ बोला मैं, “वो न…नम्रता! पर कैसे?”
“पता नहीं, बता रहे हैं कि घूमने गयी थी नैनीताल । वहाँ होटल में गलती से एसिड की बोतल पी ली।”
“एसिड की बोतल! होटल में एसिड की बोतल कौन लाया होगा?”
“पता नहीं।” दूसरे पड़ोसी अमन बोले, “अरे, मुझे तो लगता है, सुसाइड किया होगा।”
“पता नहीं, पर मुझे तो लगता है, किसी ने मारा होगा। आजकल लीव- इन.. बहुत चल रहा है।”
“पता नहीं क्या हुआ,; पर हो सकता है पहले कोई मोलस्टेशन, टॉर्चर की घटना हुई हो, फिर किसी ने मार दिया हो।”
“क्लीयर पता तो नहीं, पर हो सकता है- मारा कहीं और हो, बॉडी वहाँ डम्प की हो….. “क्राइम पेट्रोल सीरियल का एक नियमित दर्शक बोला।
और इस तरह बातों का कलाइडॉस्कोप घूमता रहा।
“पता नहीं, सही बात क्या है? “मैंने भी सबकी तरह बात के आगे ‘पता नहीं’ जोड़ते हुए धीरे से कहा, “लेकिन एक तथ्य तो पता है- कोई जवान लड़की जब अचानक मर जाती है, तो उसकी मृत्यु के अनेक कारणों के जन्म होने लगते है।”
2. फुलस्टॉप
टीवी सीरियल के सेट पर सीरियल की नायिका नेहा , आज बहुत तनाव में थी, मेकअप रूम में उसे घबराहट सी होने लगी थी। सेट पर भी वह बेचैनी से बार बार अपने नाखून चबा रही थी , पसीना पोंछ रही थी, टीम के सदस्यों से अनमनेपन से बात कर रही थी, चोर नज़रों से चारों ओर देख रही थी।
आज के शॉट में उसे सीरियल के नायक, अजय को थप्पड़ मारने थे। मीडिया में उसके और अजय के बारे में चल रही तरह -तरह की अफवाहों से वह व्यथित थी। कल पति की कही बात उसके कानों में गूँज रही थी , मनीष ने कहा था कि वह जानता है कि जो बातें बाहर चल रही हैं वो वास्तविक नहीं है पर आज वाला शॉट वास्तविक होना चाहिए, तभी वह मानेगा कि नेहा के मन में अजय के लिए 'कुछ' नहीं है। आज सेट पर मनीष भी साथ आया था और शायद उसकी हर गतिविधि नोट कर रहा था।
मन मे उथल- पुथल मचा रही उलझनों को आखिर नेहा ने विराम दे ही दिया। कड़ा फैसला लेते हुए उसने शॉट के मुताबिक सीरियल के नायक को कसकर, पूरी ताकत से दो थप्पड़ मारे। एक ही बार मे शॉट ओके हो गया।
देखकर सारा शूटिंग स्टाफ हक्का बक्का रह गया, सिवाय नेहा के पति के।
नेहा को दुख था कि उसके थप्पड़ों से हतप्रभ, नायक अजय लड़खड़ा गया ,पर खुश भी थी कि उसका रिश्ता सँभल गया था।
सम्पर्कः 31, सुदामा नगर, आगर रोड़, उज्जैन, मो. 942481609
बहुत सुन्दर लघुकथाएँ, हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDelete