मासिक वेब पत्रिका उदंती.com में आप नियमित पढ़ते हैं - शिक्षा • समाज • कला- संस्कृति • पर्यावरण आदि से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर आलेख, और साथ में अनकही • यात्रा वृतांत • संस्मरण • कहानी • कविता • व्यंग्य • लघुकथा • किताबें ... आपकी मौलिक रचनाओं का हमेशा स्वागत है।

Jul 23, 2017

इन्द्रधनुष


इन्द्रधनुष 

प्रियंका गुप्ता 

सुनो,
हवाओं में यूँ ही बेफिक्र टहलते कुछ शब्द
कुछ धीमे से बोल,
कभी तो किसी सुगंध की तरह
बस छू के निकल जाते हैं
सराबोर से करते,
तो कभी
किसी तितली की मानिंद
हथेली पर आ सुस्ताते हैं;
कुछ तितलियाँ मुट्ठियों में नहीं समाती 
बस उड़ जाती हैं
और छोड़ जाती हैं 
एक भीनी सुगंध
और लकीरों में कुछ रंग;
सुनो,
तुमने इंद्रधनुष उगते देखा है क्या ?

-0-
                एम.आई.जी-292 , कैलाश विहार,  आवास विकास योजना संख्या-एक,
                  कल्याणपुर, कानपुर-208017 (उ.प्र)
                
         ईमेल: priyanka.gupta.knpr@gmail.com

No comments:

Post a Comment