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Feb 23, 2018

कच्चा प्रेम

कच्चा प्रेम
-पीहू

कच्चा है अभी प्रेम हमारा,
हालातों की भट्टी पर जब खूब पकेगी,
तब कहीं जाकर,
दृढ़ता-परिपक्वता के साँचे में ढलेगी।
तब तक
अभिमान-गलतफहमियों,
आरोपों-प्रत्यारोपों का
उत्सव मनेगा बड़ी धूमधाम से,
जोर होता है भावनाओं की हिलोर में,
तो लग जाती है किनारे पर,
वरना मझधार में ही
घर बसा लेते हैं टूटन रिश्तों के।
किसी वस्तु को
सौन्दर्य का आकार पाने में,
झेलने पड़ते हैं ना जाने
कितने इम्तेहान,
उफ्फफ......
सच है
गढऩा किसी तप से कम नहीं,
जो सह पाया है,
रह पाया है,
वही पाया है।

सम्पर्क: डॉ. बीआर. अमबेडकर रोड, श्रीपल्ली, पलता, पो. बंगार एनामल, जिला- 24 परगना, पिन- 743122, email- papiapandey@gmail.com

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