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Jan 31, 2012

प्रेरक

अभी भी देर नहीं हुई है

नया साल लोगों में एक अजीब सी उर्जा भर देता है। बहुत कुछ अच्छा करने की चाह में जिस बात की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता वह यह है कि अपनी जिंदगी में कुछ नया जोडऩे या शामिल करने के लिए हम कुछ जगह बनाने की बजाय उसे नयी चीजों से लाद देते हैं।
नए साल की शुरुआत अपनी ऊर्जा का नवीनीकरण करने और कुछ पुरानी ख्वाहिशों और संकल्पों को पूरा करने का बढिय़ा मौका है । नया साल जिंदगी को बुहारने- चमकाने का बेहतरीन बहाना है। यह जिंदगी की किताब का कोरा साफ पन्ना या चैप्टर है जिस पर अगले 12 महीने, या 52 सप्ताह, या 365 दिनों में बहुत कुछ लिखा जाना है। ऐसे में, जबकि हर शख्स ने अपने लिए कम या ज्यादा कुछ सोचा हो, या न भी सोचा हो, मैं यह बताने जा रहा हूँ कि मैंने अपने लिए क्या सोचा है-
* मैं अपने पिछले साल का आकलन करूंगा। मैंने कहाँ- कहाँ गलतियाँ की और उनसे मैंने कुछ सीखा भी या नहीं। मैंने क्या खोया, क्या पाया।
* अपने शेड्यूल को मैं यथासंभव सहज बनाऊंगा। इसके लिए मुझे दूसरों को 'ना' कहना सीखना ही पड़ेगा।
* पुरानी और आधी- अधूरी योजनाओं को समेट लूँगा और लोगों से अनिच्छुक होते हुए भी वादे नहीं करूंगा। इस तरह मेरे कामकाज का माहौल कुछ सिलसिलेवार और सहज हो जाएगा।
* अपने स्वास्थ्य और खानपान में बदलाव लाने के लिए नियत किये गए पुरानी योजनाओं का पुनरावलोकन करूंगा ताकि मुझे कुछ नयी चीजें आजमाने का मौका मिले।
* अपने इनबॉक्स को खंगालूँगा। यदि मैंने किसी ईमेल का जवाब हाल में नहीं दिया है तो शायद जवाब देना गैरजरूरी होगा। इस मेल को आर्काइव करके दूसरी मेल्स पर तवज्जोह दूंगा ताकि इनबॉक्स कुछ व्यवस्थित हो जाए। ऐसा ही कुछ सोशल नेट्वर्किंग के साथ करना भी ठीक रहेगा। दस जगह अपनी मौजूदगी बनाए रखने की बजाय एक- दो जगह नियमित रहना ही सही रहेगा।
* कम्प्यूटर की फाइलें भी व्यवस्थित करूंगा। जिन फाइलों को मैंने बहुत लंबे अरसे से नहीं छुआ है उन्हें डिलीट करने के बारे में सोचूंगा। यदि डिलीट करना सही न हो तो उन्हें किसी पोर्टेबल हार्ड ड्राइव या क्लाउड में सहेज दूंगा।
* कागज के उपयोग में कटौती करूंगा। धीरे- धीरे सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है। डाक- सामग्री को प्राप्ति के समय ही सहेजने या ठिकाने लगाने के बारे में तय कर लूँगा अन्यथा वह टेबल पर कई दिनों तक धूल खाती रहेंगी।
* अनावश्यक चीजों से छुटकारा पाऊंगा। कमरे के जो कोने अस्त- व्यस्त लगेंगे उन्हें देर किये बिना जमा दूंगा। जिन चीजों की मुझे जरुरत नहीं है उन्हें किसी को दे दूंगा।
* अपनी आलमारी, दराजें, और फ्रिज को बेकार की चीजें से नहीं भरूँगा। पुराने कपड़े, कबाड़, और जंक फूड (यदि हो तो) ...सब निकाल बाहर करूंगा।
* रोजमर्रा के काम नियत समय पर ही निबटा दूंगा। बिलों को अंतिम तिथि से पहले ही चुका दूंगा। जिन कामों को लंबे समय से टालता आ रहा हूँ उन्हें वरीयता के अनुसार पूरा कर दूंगा।
* अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाऊंगा। अपनी आय और बचत पर नजर बनाए रखूंगा। क्रेडिट/ डेबिट कार्ड का उपयोग कम से कम करूंगा।
* उन छोटी- छोटी बातों का हमेशा ध्यान रखूंगा जिन्हें नजरांदाज करने पर बाद में बड़ी समस्याएँ खड़ी हो जाती हैं।
इन सबको करने और साधने में बड़ी मेहनत और दृढ़- संकल्प लगेगा। कुछ चीजें बारंबार करने पर भी ध्यान से उतर जाएंगीं। अंतत: यदि मैं इनमें से आधी बातें भी अमल में ला सका तो यह साल मेरे लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा और मैं अधिकाधिक सक्रिय और रचनात्मक बनूँगा।
ईमानदारी से कहूं तो मैं यह सभी चीजें साल भर करता ही रहता हूँ, लेकिन नए साल की शुरुआत के साथ इन्हें दोहराने के कई फायदे हैं। सफा- कोरा स्लेट की तरह लगभग पूरा साल आने वाली घटनाओं का रास्ता जोह रहा है। ऐसे में खुद से किये कुछ वादे- इरादे ताजिंदगी काम आयेंगे।
लियो बबौटा की यह पोस्ट साल की शुरुआत में ही आ जानी चाहिए थी लेकिन अभी कौन सी देर हो गयी है!
(www.hindizen.com से )

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