गर्भ में कोरोनावायरस से संक्रमण की आशंका
एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार चीन में तीन शिशुओं में जन्म से पहले
कोरोनावायरस के संक्रमण की आशंका जताई गई है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि
यह परिणाम अनिर्णायक हैं और गर्भावस्था के दौरान इस वायरस के मां से बच्चे में
संक्रमित होने के कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
एक अन्य रिपोर्ट में वुहान युनिवर्सिटी के डॉक्टर कोविड-19 से संक्रमित महिला के बारे में बताते हैं जिसने सीज़ेरियन सेक्शन से एक
बच्ची को जन्म दिया था। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित रिपोर्ट के
अनुसार प्रसव के दौरान महिला ने एन95 मास्क पहना था और जन्म
के पश्चात शिशु को मां से अलग रखा गया था। नवजात को तुरंत क्वारेंटाइन में रखा गया
लेकिन उसमें कोविड-19 संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिखा।
जन्म के दो घंटे पश्चात किए गए परीक्षण से पता चला कि नवजात में SARS-CoV-2 के विरुद्ध दो प्रकार की एंटीबॉडी, IgG और IgM,
का स्तर अधिक पाया था। गौरतलब है कि IgG एंटीबॉडी
तो शिशु को गर्भावस्था में मां से प्राप्त होती है जबकि IgM एंटीबॉडी
गर्भनाल को पार करने में सक्षम नहीं होती है। रिपोर्ट के मुताबिक नवजात में IgM
एंटीबॉडी का होना भ्रूण में इस संक्रमण को दर्शाता है। इसके अलावा,
नवजात में श्वेत रक्त कोशिकाओं के प्रतिरक्षा प्रणाली रसायन,
साइटोकाइंस, के स्तर में भी वृद्धि पाई गई जो
संक्रमण का द्योतक हो सकता है। एक अन्य अध्ययन में ज़्होंगनान अस्पताल के डॉक्टरों
ने SARS-CoV-2 की एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए 6 नवजात के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया। उन्हें 5 नमूनों में IgG का उच्च स्तर प्राप्त हुआ जबकि 2 नमूनों में IgM का उच्च स्तर देखा गया। दिलचस्प बात
यह रही कि सभी नवजात में SARS-CoV-2 टेस्ट निगेटिव था। ऐसे
में यह बता पाना मुश्किल है कि यह नवजात वायरस से संक्रमित थे या नहीं।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि एंटीबॉडी के बढ़े हुए स्तर का कारण
माताओं के प्लेसेंटा का क्षतिग्रस्त या असामान्य होना हो सकता है,
जिससे IgM प्लेसेंटा से गुज़रकर शिशुओं में
पहुंच गया हो। गौरतलब है कि IgM परीक्षण फाल्स पॉज़िटिव और
फाल्स नेगेटिव परिणाम भी दे सकते हैं।
इसके अलावा, लंदन में एक SARS-CoV-2
संक्रमित महिला के नवजात में भी इस वायरस के पॉज़िटिव परिणाम देखे गए। हालांकि इस
मामले में भी स्पष्ट नहीं है कि यह वायरस नवजात में जन्म लेने से पहले आया या उसके
बाद। कोविड-19 से संक्रमित नौ गर्भवती महिलाओं पर किए गए
प्रारंभिक अध्ययन में SARS-CoV-2 का कोई सबूत नहीं मिला है
जिससे यह कहा जा सके कि यह मां से बच्चे में पहुंचा है।(स्रोत फीचर्स)
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