मेघा अम्बर
छाये...
विभा रश्मि
1
बारिश को फ़ुरसत है
बदरा ले आई
गरमी भी रुख़सत है ।
2
बिजुरी चमचम चमके
दिल गोरी का भी
घबरा धकधक धड़के ।
3
मेघा अम्बर छाए
गड़गड़ बोले हैं
बरखा ले के आए ।
4
पंछी झूम उठे हैं
सब
शोर मचाते
दिल को भी लूटें हैं ।
5
तन्हाई में गाता
बंजारा कोई
दिल का राग सुनाता ।
6
गाँवों में नहरें हैं
जल भर छलकातीं
बालक भी तैरें हैं ।
7
विरही सजनी द्वारे
पलकें है खोले
बलमा तू न सता रे।
8
झिंगुर मस्त हो नाचे
वन की झाड़ी में
पोथी रितु की बाँचे ।
9
शीतल हैं बौछारें
बरखा जल लाया
चमकीले लशकारे ।
10
बूँदों के मोती हैं
बिखरे रस्तों पर
धरती संजोती हैं ।
11
माँ की गोदी खेला
शिशु प्यारा नटखट
अलबेला वो छैला ।
12
लो झडिय़ाँ बारिश की
बाँटे
नेहिल हैं
बातें ना ख़ारिश की ।
13
अम्बर ने
बरसाए
बूँदों के हीरे
झोली भर-भर
पाए ।
14
बलमा अब तो आ रे
नैना राह तकें
बदरा ले आ कारे ।
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