क्लियोपैट्रा; क्या 2000 साल पहले के राज खुलेंगे?
क्लियोपैट्रा की जीवन गाथा विज्ञान से लेकर कला और सिनेमा तक सबको लुभाती रही है। स्कूली की किताबों में तो हम सब इतिहास पढ़ते ही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतिहास के पन्नों में दब चुकी घटनाओं को विज्ञान किस प्रकार से जीवंत बनाता है? मिस्र के पुरातत्व वैज्ञानिकों ने एक खोज करके मिस्र की रानी क्लियोपैट्रा की कब्र खोदकर कुछ ऐसा ही प्रयास किया है। क्लियोपैट्रा मिस्र पर करीबन 2000 साल पहले राज करती थी। क्लियोपैट्रा का प्रेमी मार्क एन्थनी रोम का शासक था। दोनों की रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी।
सालों से वैज्ञानिक क्लियोपैट्रा के शव कक्ष की खोज में लगे थे। उसी दौरान मिस्र की पहाड़ी अबूसर पर बसे मंदिर, टपोसिरी मागना में, क्लियोपैट्रा की मौजूदगी के कुछ चिन्ह मिले, जिनके बूते अनुमान लगाए जा रहे हैं कि उस की कब्र यहीं कहीं है। इन चिन्हों के बारे में बॉन स्थित मिस्र संग्रहालय के विशेषज्ञ आंद्रेयास ब्लाजियोस बताते हैं कि-'मंदिर की जब खुदाई की गई तो कुछ सिक्के मिले, जो कि क्लिओपाट्रा की छवि दर्शाते हैं। इसके अलावा रोमन काल के कुछ ममी यानी पुराने शव मिले। खबर के मुताबिक वहां अलाबास्टर से बना नक्काशीदार सिर भी मिला। जिसके आधार पर यह कयास लगाए जा रहे हैं, कि यह सिर क्लियोपैट्रा को दर्शाता है। आंद्रेयास कहते हैं-लेकिन मुझे यह बात सही नहीं लगती क्योंकि यह सिर तो किसी भी रानी या देवी का हो सकता है।'
टपोसिरी मागना नामक जिस मंदिर में यह चिन्ह मिले हैं, वह मिस्र के शहर अल सिकंदरिया से पचास किलोमीटर की दूरी पर है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि क्लियोपैट्रा के बारे में मौजूद ऐतिहासिक तथ्य इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि उसकी मौत अल सिकंदरिया में हुई थी। फिर भला उसकी कब्र वहां से इतनी दूर एक सुनसान जगह पर क्यों होगी?
ब्लाजियोस कहते हैं, 'मुझे लगता है कि दुनिया भर में मशहूर इस रानी की कब्र अल सिकंदरिया या किसी नज़दीकी जगह पर ही है, न कि वहां से पचास किलोमीटर दूर, जहां पर रानी के शासन काल की कोई मशहूर इमारत नहीं है।'
क्लियोपैट्रा वास्तविक जि़ंदगी में कैसी दिखती थी, इस बात के बहुत कम ठोस प्रमाण हैं। उसके चेहरे के सिर्फ गिनती के ही चित्र या नकलें हैं, जो संग्रहालयों में सुरक्षित हैं। बर्लिन के मिस्र संग्रहालय के निर्देशक डॉ. विल्डुंग कहते हैं, 'मुझे समझ में नहीं आता कि मात्र एक पत्थर का सिर और कुछ सिक्के मिल जाने से, जो कि शायद क्लिओपाट्रा को दर्शाते हैं, वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंच सकते हैं कि क्लिओपैट्रा की कब्र वहां पर है? क्लिओपाट्रा को दिखाने वाले सिक्के कोई नई बात नहीं हैं। सारे टांलमौइड शासक, फिर चाहे वो पुरूष रहे हों या स्त्री, उनको दर्शाने वाले हजारों सिक्के भरे पड़े हैं। लेकिन सिर्फं इन सिक्कों की बिना पर उनके कब्र स्थल के बारे में कयास लगाना विज्ञान से हटना है।'
हुस्न की मल्लिका
क्लियोपैट्रा के वास्तविक चेहरे को लेकर इतिहासकारों में हमेशा कौतूहल बना रहा। जहां कुछ ने उन्हें मल्लिका-ए-हुस्न कहा तो कुछ ने खराब दांतों वाली बदसूरत महिला बताया।
वैज्ञानिकों को उनकी थ्री डी तस्वीर बनाने में सफलता मिली है। ब्रिटिश समाचार पत्र डेली मेल के मुताबिक वैज्ञानिकों ने क्लियोपैट्रा के दौर की प्राचीन कलाकृतियों की तस्वीरों और उनके शासनकाल की दो हजार वर्ष पुरानी अंगूठी की मदद से रानी की पहली वास्तविक तस्वीर तैयार करने का दावा किया है।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मिस्र के इतिहास के विशेषज्ञ सैली ऐन ऐश्टन ने बताया कि अंत में जो तस्वीर सामने आई वह एक खूबसूरत महिला की है। वह पूरी तरह यूरोपीय नहीं है, जैसा कि हालीवुड की फिल्मों में दिखाया गया है। उसके मिस्र की सत्ता संभालने से तीन सौ साल पहले उसका परिवार यहां आ चुका था। ऐश्टन ने बताया कि क्लियोपेट्रा पर पांच भागों में बनी डाक्यूमेंट्री में तस्वीर को दिखाया जाएगा। इस प्रसिद्ध रानी को पहले भी कई जगह चित्रित किया जा चुका है।
मिसाल के तौर पर न्यूकासल यूनिवर्सिटी के सेफ्टन संग्रहालय में चांदी के सिक्के पर उभरी उनकी आकृति। इसमें उसके पतले होंठ, नुकीली ठोडी और लंबी नाक दिखाई गई है। ब्रिटिश संग्रहालय में लगी मूर्ति में उसे करीब पांच फुट लंबा और थोड़ा मोटा प्रदर्शित किया गया है। 69 ईसा पूर्व अलेग्जैंड्रिया में जन्मी क्लियोपेट्रा 17 साल की उम्र में मिस्र की रानी बनी थी।
क्लियोपैट्रा की जीवन गाथा विज्ञान से लेकर कला और सिनेमा तक सबको लुभाती रही है। स्कूली की किताबों में तो हम सब इतिहास पढ़ते ही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतिहास के पन्नों में दब चुकी घटनाओं को विज्ञान किस प्रकार से जीवंत बनाता है? मिस्र के पुरातत्व वैज्ञानिकों ने एक खोज करके मिस्र की रानी क्लियोपैट्रा की कब्र खोदकर कुछ ऐसा ही प्रयास किया है। क्लियोपैट्रा मिस्र पर करीबन 2000 साल पहले राज करती थी। क्लियोपैट्रा का प्रेमी मार्क एन्थनी रोम का शासक था। दोनों की रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी।
सालों से वैज्ञानिक क्लियोपैट्रा के शव कक्ष की खोज में लगे थे। उसी दौरान मिस्र की पहाड़ी अबूसर पर बसे मंदिर, टपोसिरी मागना में, क्लियोपैट्रा की मौजूदगी के कुछ चिन्ह मिले, जिनके बूते अनुमान लगाए जा रहे हैं कि उस की कब्र यहीं कहीं है। इन चिन्हों के बारे में बॉन स्थित मिस्र संग्रहालय के विशेषज्ञ आंद्रेयास ब्लाजियोस बताते हैं कि-'मंदिर की जब खुदाई की गई तो कुछ सिक्के मिले, जो कि क्लिओपाट्रा की छवि दर्शाते हैं। इसके अलावा रोमन काल के कुछ ममी यानी पुराने शव मिले। खबर के मुताबिक वहां अलाबास्टर से बना नक्काशीदार सिर भी मिला। जिसके आधार पर यह कयास लगाए जा रहे हैं, कि यह सिर क्लियोपैट्रा को दर्शाता है। आंद्रेयास कहते हैं-लेकिन मुझे यह बात सही नहीं लगती क्योंकि यह सिर तो किसी भी रानी या देवी का हो सकता है।'
टपोसिरी मागना नामक जिस मंदिर में यह चिन्ह मिले हैं, वह मिस्र के शहर अल सिकंदरिया से पचास किलोमीटर की दूरी पर है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि क्लियोपैट्रा के बारे में मौजूद ऐतिहासिक तथ्य इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि उसकी मौत अल सिकंदरिया में हुई थी। फिर भला उसकी कब्र वहां से इतनी दूर एक सुनसान जगह पर क्यों होगी?
ब्लाजियोस कहते हैं, 'मुझे लगता है कि दुनिया भर में मशहूर इस रानी की कब्र अल सिकंदरिया या किसी नज़दीकी जगह पर ही है, न कि वहां से पचास किलोमीटर दूर, जहां पर रानी के शासन काल की कोई मशहूर इमारत नहीं है।'
क्लियोपैट्रा वास्तविक जि़ंदगी में कैसी दिखती थी, इस बात के बहुत कम ठोस प्रमाण हैं। उसके चेहरे के सिर्फ गिनती के ही चित्र या नकलें हैं, जो संग्रहालयों में सुरक्षित हैं। बर्लिन के मिस्र संग्रहालय के निर्देशक डॉ. विल्डुंग कहते हैं, 'मुझे समझ में नहीं आता कि मात्र एक पत्थर का सिर और कुछ सिक्के मिल जाने से, जो कि शायद क्लिओपाट्रा को दर्शाते हैं, वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंच सकते हैं कि क्लिओपैट्रा की कब्र वहां पर है? क्लिओपाट्रा को दिखाने वाले सिक्के कोई नई बात नहीं हैं। सारे टांलमौइड शासक, फिर चाहे वो पुरूष रहे हों या स्त्री, उनको दर्शाने वाले हजारों सिक्के भरे पड़े हैं। लेकिन सिर्फं इन सिक्कों की बिना पर उनके कब्र स्थल के बारे में कयास लगाना विज्ञान से हटना है।'
हुस्न की मल्लिका
क्लियोपैट्रा के वास्तविक चेहरे को लेकर इतिहासकारों में हमेशा कौतूहल बना रहा। जहां कुछ ने उन्हें मल्लिका-ए-हुस्न कहा तो कुछ ने खराब दांतों वाली बदसूरत महिला बताया।
वैज्ञानिकों को उनकी थ्री डी तस्वीर बनाने में सफलता मिली है। ब्रिटिश समाचार पत्र डेली मेल के मुताबिक वैज्ञानिकों ने क्लियोपैट्रा के दौर की प्राचीन कलाकृतियों की तस्वीरों और उनके शासनकाल की दो हजार वर्ष पुरानी अंगूठी की मदद से रानी की पहली वास्तविक तस्वीर तैयार करने का दावा किया है।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मिस्र के इतिहास के विशेषज्ञ सैली ऐन ऐश्टन ने बताया कि अंत में जो तस्वीर सामने आई वह एक खूबसूरत महिला की है। वह पूरी तरह यूरोपीय नहीं है, जैसा कि हालीवुड की फिल्मों में दिखाया गया है। उसके मिस्र की सत्ता संभालने से तीन सौ साल पहले उसका परिवार यहां आ चुका था। ऐश्टन ने बताया कि क्लियोपेट्रा पर पांच भागों में बनी डाक्यूमेंट्री में तस्वीर को दिखाया जाएगा। इस प्रसिद्ध रानी को पहले भी कई जगह चित्रित किया जा चुका है।
मिसाल के तौर पर न्यूकासल यूनिवर्सिटी के सेफ्टन संग्रहालय में चांदी के सिक्के पर उभरी उनकी आकृति। इसमें उसके पतले होंठ, नुकीली ठोडी और लंबी नाक दिखाई गई है। ब्रिटिश संग्रहालय में लगी मूर्ति में उसे करीब पांच फुट लंबा और थोड़ा मोटा प्रदर्शित किया गया है। 69 ईसा पूर्व अलेग्जैंड्रिया में जन्मी क्लियोपेट्रा 17 साल की उम्र में मिस्र की रानी बनी थी।
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