सभी लेख बहुत अच्छे । अनुपम मिश्र जी का लेख उपयोगी तो है ही , साथ ही यह भी सन्देश देता है कि अपने पुराने तौर तरीकों को विकास की आँधी में न उड़ाएँ। सुशीला शिवराण के दोहे बहुत सार्थक हैं। सम्पादकीय सामयिक है और कूपमण्डूकता के प्रति सचेत करनेवाला अहिरामेश्वर काम्बोज
सभी लेख बहुत अच्छे । अनुपम मिश्र जी का लेख उपयोगी तो है ही , साथ ही यह भी सन्देश देता है कि अपने पुराने तौर तरीकों को विकास की आँधी में न उड़ाएँ। सुशीला शिवराण के दोहे बहुत सार्थक हैं। सम्पादकीय सामयिक है और कूपमण्डूकता के प्रति सचेत करनेवाला अहि
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