भारत नाम सुभागा
शुभ सुख चैन की बरखा बरसे
भारत भाग्य है जागा
पंजाब, सिंधु, गुजरात, मराठा
द्राविड़, उत्कल, बंगा
चंचल सागर, विंध्य हिमालय
नीला यमुना गंगा
तेरे नित गुण गाएँ
तुझसे जीवन पाएँ
सब जन पाएँ आशा
सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो, जय हो, जय हो, जय जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा
सबके मन में प्रीत बसाए
तेरी मीठी वाणी
हर सूबे के रहनेवाले
हर मज़हब के प्राणी
सब भेद और फर्क मिटाके
सब गोद में तेरी आगे
गूँथें प्रेम की माला
सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो जय हो जय हो
जय हो, जय हो, जय हो, जय जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा
सुबह सवेरे पंख पखेरू
तेरे ही गुण गाएँ
बास भरी भरपूर हवाएँ
जीवन मं ॠतु लाएँ
सब मिलकर हिंद पुकारें
जय आज़ाद हिंद के नारे
प्यारा देश हमारा
सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो, जय हो, जय हो, जय जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा
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यह गीत गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, के
"जन गण मन" गीत का हिंदी रुपांतर है, जो स्वयं नेताजी
सुभाषचन्द्र बोस, अबीद हसन और आज़ाद हिंद के उच्च अधिकारियों
ने अनूदित किया था। इसे संगीत दिया था आज़ाद हिंद फौज के कप्तान राम सिंह ठाकुर
ने। कैप्टन लक्ष्मी सहगल की दुर्लभ आवाज़ में कुछ अंश- https://www.youtube.com/watch?v=F39nNmUUNPQ
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