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Mar 1, 2022

कविता- माह फागुनी

 
- आशा पाण्डेय

(कैंप अमरावती, महाराष्ट्र)




रंग जामुनी, माह फागुनी,
पूनम   की    सौगात ।

धूसर, धूमिल, लाल, हरे रंग,
भीग  रहा  है  गात ।

वन-पलाश के मोह-पाश में,
लिप्त हुआ  ऋतुराज ।

बौर आम का गंध बिखेरे,
मन   मोहे   सरताज ।

बाजे डमरू और नगाड़ा,
ढोल – झांझ – झंकार ।

झूम उठे सब भंग के रंग में,
सुर - बेसुर   करताल ।

भूल द्वेष को, राग क्लेश को,
उड़े  अबीर  गुलाल ।

मीत से होरी, नयन की चोरी,
मुखड़ा  कम्पित   लाल ।

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