-गुंजन अग्रवाल
1.
हो न कठपुतली न केवल वोट वाला यन्त्र हो।
आदमी हो आदमी सद्भाव इसका मन्त्र हो।
गूँज वन्देमातरं की गूँजती हरपल रहे-
तब सफल सच मायनों में ये दिवस गणतंत्र हो।
2.
अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन इतना ध्यान रखो।
भारत माँ की आन-बान और सबसे ऊपर शान रखो।
तू- तू ,मैं- मैं हाथापाई आपस में कर लो जितना-
भारत में गर रहना तुमको संविधान का मान रखो।
1 comment:
बहुत सुंदर मुक्तक
Post a Comment