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Feb 1, 2025

जीवन दर्शनःविचार से विजय

 

  - विजय जोशी  - पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल (म. प्र.)

1. आपके विचार केवल आपके विचार हैं और आपके पास पूरी शक्ति और साहस है उन पर न केवल नियंत्रण की बल्कि सोच को स्वयं अनुसार ढालने की।

2. हम क्यों कष्ट भोगते हैं। मात्र इसलिये कि हम दूसरों यह अधिकार दे देते हैं कि वे हमें न केवल, नियंत्रित कर सकें अपितु उससे भी आगे बढ़कर कि हम कैसा सोचते तथा अनुभव करते हैं।
3. याद रखिए अपने जीवन की कहानी के आप ही सृजनकर्ता उर्फ़ लेखक हैं। औरों को इसे नष्ट करने का अधिकार मत दीजिए।
4. एक बार सोचकर देखिए कोई अन्य आपको पीड़ा नहीं पहुँचा सकता, जितना आपके अपने विचार। 
5. यह भी कि कोई आपके घाव नहीं भर सकता, जितना आपके विचार। 
6. आप दूसरों में यह परिवर्तन नहीं कर सकते कि वे आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं; किंतु यह अवश्य कर सकते हैं कि ऐसे अवसरों पर हम कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं । 
7. क्षमा: लोगों को इस बात के लिए मत क्षमा कीजिए कि वे इसके लायक हैं, वरन् इसलिए कि आप जीवन में आनंद के हकदार हैं। 
8. हर सुबह जब उठें, तो यह और केवल यह सोचें :
           सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः 
            सर्वे भद्राणि पश्यन्तु  मा कश्चित् दुःखभाग्भवेत् 
(सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने। हे भगवन हमें ऐसा वर दीजिए!)
निष्कर्ष : इस तरह अपनी हर सुबह सकारात्मक सोच को मन, मस्तिष्क एवं हृदय में समाहित करते हुए कीजिए। याद रखिए- आज की भाषा में  शरीर तो केवल हार्डवेयर (Hardware)  है, जबकि आपका सोच सॉफ्टवेयर (Software) उसे संचालित करता है।
सम्पर्क: 8/ सेक्टर-2, शांति निकेतन (चेतक सेतु के पास), भोपाल-462023,
 मो. 09826042641, E-mail- v.joshi415@gmail.com

25 comments:

देवेन्द्र जोशी said...

सबसे बड़ी आज की समस्या यही है कि हम अपने विचारों पर ध्यान ही नहीं देते. अपनी समस्याओं में हम इतने उलझ गए हैं कि उससे आगे कुछ नहीं दिखताl केवल रोज 10-15 मिनट भी यदि सब लोग स्वयं के विचारों पर समीक्षा के रूप में ध्यान दें तो आधी से अधिक समस्याएँ हल हो जाएँगीं l अद्भुत!

Anonymous said...

बहुत सुंदर विचार । अपनी सोच, अपने विचारों पर सोचना भी आवश्यक है ।👍🏼सुदर्शन रत्नाकर ।

dr.surangma yadav said...

बहुत सुंदर विचार।

Anonymous said...

अति सुंदर

Anonymous said...

Aapke vicharon se bahut kuchh sikhane Ko milta Hai

Rajeev Agarwal said...

आदरणीय जोशी सर, आपके द्वारा लिखा हुआ सारगर्भित लेख जीवन को सही तरह से जीने की कला सिखाता है। आपको बहुत बहुत धन्यवाद इस लेख के लिए।

Vandana Vohra said...

Very true. We are what we think.... And the only thing is that we can only control our thoughts....

Anonymous said...

Excellent thoughts Sir

Manish Gogia said...

Excellent, highly positive and motivating thoughts

Anonymous said...

Dr S K AGRAWAL, GWALIOR

Anonymous said...

गागर में सागर, सूत्र रूप में सार, अद्भुत तकनीक
साधुवाद प्रिय मित्र जोशी जी का

Anonymous said...

सर्वोत्तम जीवन दर्शन
डी सी भावसार

Mukesh Kumar Singh said...

बहुत सुंदर विचार । अपनी सोच, अपने विचारों पर सोचना भी आवश्यक है ।👍🏼

पंडित अनिल ओझा said...

इंसान को अपने सुख से ज़्यादा दूसरों के दुख में मज़ा आता है।चार दिनों के इस जीवन में इंसान को अपने जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए।किसी की जीवनशैली को आप बदल नहीं सकते।चल अकेला,चल अकेला,चल अकेला।तेरा मेला पीछे छूटा राही,चल अकेला।

Hemant Borkar said...

पिताश्री हमेशा कि तरह अप्रतिम लेख 🙏 सादर प्रणाम 🙏

Mahesh Manker said...

आदरणीय सर,
अत्यंत प्रेरक लेख।

"सकारात्मक सोच" द्वारा ही अपना और अन्य लोगों का जीवन सुखमय बनाया जा सकता है।

Anonymous said...

परहित सरस धर्म नहीं भाई पर पीड़ा सब नहीं अधिमाई। व्यक्ति अपने विचारों के प्रकाश से समाज को उत्साहित कर सकता है। निराशा जीवन का अंत है।

Anonymous said...

जीवन का सार संक्षेप में 🙏
बधाई आदरणीय सर 🌹💐🌹💐

Dil se Dilo tak said...

जीवन का सार संक्षेप में 🙏
बधाई आदरणीय सर 🌹💐🌹💐

Reply

Kishore Purswani said...

🙏🙏🙏सकारात्मक विचार हमारी मानसिकता, भावनाओं और कार्यों को प्रभावित करके हमारी वास्तविकता को आकार देने की शक्ति रखते हैं। एक सकारात्मक दृष्टिकोण अवसरों को आकर्षित करता है, रिश्तों को मजबूत करता है और समस्या-समाधान क्षमताओं को बढ़ाता है। अंततः, हमारे विचार हमारे अनुभवों का निर्माण करते हैं - हम जो सोचते हैं, वही बन जाते हैं।

Anonymous said...

"विचार से विजय " अति उत्तम 👌

Daisy C Bhalla said...

How w’fully organised relatable points. Our attitude n thoughts - the software part has to be programmed well to follow…… the human hardwired machine can run well then. We all know how much it takes to develop a software😊

Daisy C Bhalla said...

In Budhism it’s called Kosen rufu- praying for everyone’s happiness n trying to manifest good karma

Mandwee Singh said...

सादर प्रणाम आदरणीय
सुख,शांति एवं आनंद पूर्वक जीवन जीने के लिए स्वयं के विचारों का परिमार्जन तथा आत्मशुद्धि अत्यंत आवश्यक है।हम दूसरे को नहीं बदल सकते परंतु स्वयं का बदलाव अपने हाथ में है।आत्मिक आभार आदरणीय सदैव की तरह नई ऊर्जा से परिपूर्ण सीख हेतु।

Dr.Surinder kaur said...

Thought provoking, stress free journey is possible by keeping the hardware and software free from all the negativity