उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Mar 21, 2011

होली

हँसे पलाश
-डॉ. सुधा गुप्ता

1
रंग डगर
खुशबू का सफर
फिर शुरू है
2
तन फागुन
मन रंग- अबीर
मुग्धा अधीर
3
लाल गुलाल
पूरी देह पे लगा
हँसे पलाश
4
कूके कोकिल
फागुन पीटे ढोल
होली ठुमके
5
चैत जो आया
मटकी भर नशा
महुआ लाया
6
रंगों का मेला
सनकी चित्रकार
अकेला खेल
ढोलक बजी
-रेखा राजवंशी
1.
होली का मौका
रंगों की बरसात
मित्रों का साथ
2.
फिर से उड़े
आसमान में रंग
हो गए दंग
3.
टेसू के फूल
भंग और ठंडाई
मुझको भाई
4.
ढोलक बजी
हर हथेली पर
मेंहदी रची
प्रेम का रंग
-
डॉ. रमा द्विवेदी
1
हँसी ठिठोली,
चितचोर की होली
राधा लजाई।
2
गुलाबी ठंड़
रंगों की बरसात
अंगिया भीगी।
3
प्रेम का रंग
राधा कान्हा मगन
चूनर लाल।
4
अमवा डाल
कूकती कोयलिया
प्रिय की प्यास।
5
मन उदास
प्रियतम विदेश
गरजे मेघ।

No comments: