1
सूर्य चमके
पूर्वी क्षितिज पर,
झील दमके।
2
झील शीतल
नाव के साथ- साथ
बत्तख दल।
3
ज्यों साँझ ढले
सूरज संग झील-
रंग बदले।
4
शाम विचित्र
झील सहेज रही-
सूर्य के चित्र।
5
सूर्य गुलाबी!
साँझ ढले झील की
बढ़ी बेताबी!
6
दिन ढलता
झील की लहरों पे-
मूड सूर्य का!
7
नीलम नील!
प्रात: धूप का स्पर्श-
दमकी झील!
8
शान्त है झील
गर्मियों की शाम में
सुख की फ़ील!
9
झील के कोने
श्वेत कमल छिपा
हरे पत्तों में!
10
सहसा मिले
झील के छोर पर
कमल खिले!
11
झील पे आए
दूर देश के पंछी
बने पाहुने!
12
पंछी चहके
इस झील को रखें
साफ़ करके!
13
पंछी दूर के
झील में आ पहुँचे
वासी तूर के!
14
ख़ुशी की फ़ील
नाचते- गाते लोग
ख़ामोश झील।
15
पुण्या की रात
झील के अँचल में
चाँद की बात!
16
छिप- छिपके
नहाती है चन्द्रिका
शान्त झील में।
17
चाँद- सितारे
आसमान- झील में
उतरे सारे।
18
कैसा अजूबा!
जादूगर चन्द्रमा-
झील में डूबा!
19
चाँद है आया
झील की नींद उड़ी,
जी भरमाया।
20
चन्द्रमा आया
झील के आग़ोश में
सुकून पाया।
कवि, कथाकार,
समीक्षक प्राध्यापक (अँग्रेज़ी) सम्पादक: हाइफ़न, सम्पर्कः #3, सिसिल
क्वार्टर्ज़, चौड़ा मैदान, शिमला: 171004
हिमाचल प्रदेश, ईमेल:
kanwardineshsingh@gmail.com
7 comments:
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण हाइकु हैं सर 🙏🌹🌹बधाई
झील के सौन्दर्य का अद्भुत सजीव चित्रण करते हाइकु। हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर
बेहतरीन हाइकु, रचने वाले को भी और प्रकाशित करने वाले को भी हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बहुत सुंदर हाइकु
बहुत ही सुंदर, मनभावन हाइकु।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
झील के विविध रूपों के सौंदर्य को चित्रित करते उत्कृष्ट हाइकु।हार्दिक बधाई कुँवर दिनेश सिंह जी।
बहुत सुंदर हाइकु! हार्दिक बधाई!
~सादर
अनिता ललित
Post a Comment