उदंती.com
वर्ष 2, अंक 2, अक्टूबर 2011
अनकही: विश्वसनीयता का अंधकार - डॉ. रत्ना वर्मा
जीवन दर्शन: गाँधी व्यक्ति नहीं विचार थे - विजय जोशी
मेरा भारत महान: मंगल पर गाँधी - लोकेन्द्र सिंह कोट
पर्व-संस्कृति: त्यौहार के रंगों से सजा महीना - पल्लवी सक्सेना
कविता: ये चेहरा अपना सा लगता है - आशा भाटी
अन्दोलन: आज भी प्रासंगिक हैं महात्मा के विचार - कृष्ण कुमार यादव
शोध: याददाश्त कम.../ अवसाद से मुक्ति...
पर्यावरण: हरित भवन- परंपरा की ओर लौटना होगा - के. जयलक्ष्मी
मुद्दा: क्या यही है जादुई छड़ी? - लोकेन्द्र सिंह राजपूत
हाइकु: सर्दी की धूप जैसी जिंदगी - डॉ. हरदीप कौर सन्धु
लघुकथाएं: 1. भूकंप 2. बाहर का मोह - डॉ. करमजीत सिंह नडाला
कहानी: बदला - अज्ञेय
कविता: विजयी मंत्र -रश्मि प्रभा
व्यंग्य: गाँधी, अंडा और मुर्गा - विनोद साव
सेहत: आपको भी पसंद है चॉकलेट आईसक्रीम?
पिछले दिनों: मिरेकल वूमेन, शांति का नोबेल ...
प्रेरक कथा: बाँस की तरह...
वाह भई वाह
आपके पत्र
रंग बिरंगी दुनिया
वर्ष 2, अंक 2, अक्टूबर 2011
क्रोध को जीतने में मौन जितना सहायक होता है, उतनी कोई भी वस्तु नहीं।
- महात्मा गाँधी
- महात्मा गाँधी
**************
अनकही: विश्वसनीयता का अंधकार - डॉ. रत्ना वर्मा
जीवन दर्शन: गाँधी व्यक्ति नहीं विचार थे - विजय जोशी
मेरा भारत महान: मंगल पर गाँधी - लोकेन्द्र सिंह कोट
पर्व-संस्कृति: त्यौहार के रंगों से सजा महीना - पल्लवी सक्सेना
कविता: ये चेहरा अपना सा लगता है - आशा भाटी
अन्दोलन: आज भी प्रासंगिक हैं महात्मा के विचार - कृष्ण कुमार यादव
शोध: याददाश्त कम.../ अवसाद से मुक्ति...
पर्यावरण: हरित भवन- परंपरा की ओर लौटना होगा - के. जयलक्ष्मी
मुद्दा: क्या यही है जादुई छड़ी? - लोकेन्द्र सिंह राजपूत
हाइकु: सर्दी की धूप जैसी जिंदगी - डॉ. हरदीप कौर सन्धु
लघुकथाएं: 1. भूकंप 2. बाहर का मोह - डॉ. करमजीत सिंह नडाला
कहानी: बदला - अज्ञेय
कविता: विजयी मंत्र -रश्मि प्रभा
व्यंग्य: गाँधी, अंडा और मुर्गा - विनोद साव
सेहत: आपको भी पसंद है चॉकलेट आईसक्रीम?
पिछले दिनों: मिरेकल वूमेन, शांति का नोबेल ...
प्रेरक कथा: बाँस की तरह...
वाह भई वाह
आपके पत्र
रंग बिरंगी दुनिया
No comments:
Post a Comment