मासिक पत्रिका वर्ष 3, अंक 1,सितम्बर 2012
अनकही: पर्यटन संस्कृति - डॉ. रत्ना वर्मा
शिक्षक दिवस: गुरु-शिष्य की बदलती परंपरा - आकांक्षा यादव
रियो डि जेनेरियो: संयुक्त राष्ट्र का वैश्विक सम्मेलन - चन्द्रशेखर साहू
वन्य जीवन: कान्हा के बाघों की ... - संदीप पौराणिक
प्रेरक कथा: निर्णय
धरोहर: पाली शिव मंदिर में कला का .... - प्रो. अश्विनी केशरवानी
कविता: पीड़ा अब न सही जाती - डॉ. गीता गुप्त
जलाशय पर्यटन: नयनाभिराम जलप्रपात - विप्लव
पुरातन: लव-कुश का जन्मस्थल तुरतुरिया - ज्योति प्रेमराज सिंह
हाइकु: रजनीगंधा - सुशीला शिवराण
विज्ञान: आकाश से टपकता सौंदर्य - नरेन्द्र देवांगन
कालजयी कहानियाँ: बिन्दा - महादेवी वर्मा
लघुकथाएं: 1. प्रतिद्वन्द्वी 2. ठंड - इला प्रसाद
व्यंग्य: 'सॉरी' हिंदी दिवस पर अंग्रेजी बोली - अविनाश वाचस्पति
श्रद्धांजलि: ए. के. हंगल - विनोद साव
जन्म शताब्दी वर्ष: मैं अफसाना क्यों कर... - सआदत हसन मंटो
किताबें : भीमायन
आपके पत्र
कविता: परिणाम - हर्षिता विकास कुमार
उदंती का सफर ...
मनुष्य का जीवन एक महानदी की भांति है
जो अपने बहाव द्वारा नवीन दिशाओं में राह बना लेती है।
- रवीन्द्रनाथ ठाकुर
शिक्षक दिवस: गुरु-शिष्य की बदलती परंपरा - आकांक्षा यादव
रियो डि जेनेरियो: संयुक्त राष्ट्र का वैश्विक सम्मेलन - चन्द्रशेखर साहू
वन्य जीवन: कान्हा के बाघों की ... - संदीप पौराणिक
प्रेरक कथा: निर्णय
धरोहर: पाली शिव मंदिर में कला का .... - प्रो. अश्विनी केशरवानी
कविता: पीड़ा अब न सही जाती - डॉ. गीता गुप्त
जलाशय पर्यटन: नयनाभिराम जलप्रपात - विप्लव
पुरातन: लव-कुश का जन्मस्थल तुरतुरिया - ज्योति प्रेमराज सिंह
हाइकु: रजनीगंधा - सुशीला शिवराण
विज्ञान: आकाश से टपकता सौंदर्य - नरेन्द्र देवांगन
कालजयी कहानियाँ: बिन्दा - महादेवी वर्मा
लघुकथाएं: 1. प्रतिद्वन्द्वी 2. ठंड - इला प्रसाद
व्यंग्य: 'सॉरी' हिंदी दिवस पर अंग्रेजी बोली - अविनाश वाचस्पति
श्रद्धांजलि: ए. के. हंगल - विनोद साव
जन्म शताब्दी वर्ष: मैं अफसाना क्यों कर... - सआदत हसन मंटो
किताबें : भीमायन
आपके पत्र
कविता: परिणाम - हर्षिता विकास कुमार
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