एक परमभक्त को
ईश्वर ने दर्शन दिए. भक्त ने ईश्वर से पूछा- प्रभु, क्या
मैं आपसे एक प्रश्न पूछ सकता हूँ?
ईश्वर ने कहा- अवश्य, जो
चाहे पूछो-
भक्त ने कहा- प्रभु, आप
तो इस सृष्टि में अनादि-अनंत काल से हैं। ऐसे में 'एक हज़ार
साल’ आपके लिए कितना समय होगा?
ईश्वर ने उत्तर
दिया- पुत्र, एक हज़ार साल मेरे लिए पाँच मिनट के बराबर हैं।
भक्त ने पुन: पूछा-
यह तो अद्भुत है! तो फिर आपके लिए दस लाख रुपये कितने रुपयों के बराबर हैं?
ईश्वर ने कहा- मेरे
लिए दस लाख रुपये पाँच पैसों के बराबर हैं।
यह सुनकर भक्त ने
अति उत्साह से पूछा- अच्छा! तो प्रभु क्या आप मुझे पाँच पैसे दे सकते हैं?
ईश्वर ने भक्त की
ओर मुस्कुराकर देखा और कहा- क्यों नहीं पुत्र? तुम
सिर्फ पाँच मिनट के लिए प्रतीक्षा करो और मैं तुम्हें दे दूँगा।
2.भविष्यवेत्ता
एक बहुत पुरानी
यूनानी कहानी सुनाता हूँ आपको। उन दिनों कहीं एक बहुत प्रसिद्ध भविष्यवेत्ता रहता
था। एक दिन वह राह चलते कुएँ में गिर गया। हुआ यूँ कि वह रात के दौरान तारों का
अवलोकन करते हुए चला जा रहा था। उसे पता न था कि राह में कहीं एक कुँआ है, उसी
कुँए में वह गिर गया।
उसके गिरने और
चिल्लाने की आवाज़ सुनकर पास ही एक झोपड़ी में रहने वाली बुढ़िया उसकी मदद को वहाँ
पहुँच गई और उसे कुँए से निकाला।
जान बची पाकर
भविष्यवेत्ता बहुत खुश हुआ। वह बोला- तुम नहीं आतीं तो मैं मारा जाता! तुम्हें पता
है मैं कौन हूँ? मैं राज-ज्योतिषी हूँ। हर कोई आदमी मेरी फीस नहीं दे सकता-
यहाँ तक कि राजाओं को भी मेरा परामर्श लेने के लिए महीनों तक इंतज़ार करना पड़ता
है- लेकिन मैं तुमसे कोई पैसा नहीं लूँगा। तुम कल मेरे घर आओ, मैं मुफ्त में तुम्हारा भविष्य बताऊँगा।
यह सुनकर बुढ़िया
बहुत हँसी और बोली- यह सब रहने दो! तुम्हें अपने दो कदम आगे का तो कुछ दिखता नहीं
है, मेरा
भविष्य तुम क्या बताओगे?
3.तीन बहनें
एक बहुत बड़ा
जादूगर अपनी तीन खूबसूरत बहनों के साथ दुनिया घूम रहा था। ऑस्ट्रेलिया में किसी
प्रांत का एक प्रसिद्द योद्धा उसके पास आया और उससे बोला- मैं तुम्हारी सुन्दर बहनों में से किसी एक से विवाह करना चाहता हूँ।
जादूगर ने उससे
कहा- यदि मैं इनमें से एक का विवाह तुमसे कर दूँगा तो बाकी दोनों को लगेगा कि वे
कुरूप हैं। मैं ऐसे कबीले की तलाश में हूँ जहाँ तीन वीर योद्धाओं से अपनी तीनों बहनों
का एक साथ विवाह कर सकूँ।
इस तरह कई साल तक
वे ऑस्ट्रेलिया में यहाँ से वहाँ घूमते रहे पर उन्हें ऐसा कोई कबीला नहीं मिला, जहाँ
एक जैसे तीन बहादुर योद्धाओं से उन बहनों का विवाह हो सकता।
वे बहनें इतने साल
गुज़र जाने और यात्रा की थकान के कारण बूढ़ी हो गयीं। उन्होंने सोचा- हममें से कोई
एक तो विवाह करके सुख से रह सकती थी।
जादूगर भी यही
सोचता था। वह बोला- मैं ग़लत था; लेकिन अब बहुत देर हो गयी
है।
जादूगर ने उन तीन
बहनों को पत्थर का बना दिया।
आज भी सिडनी के
पास ब्लूमाउन्टेन नेशनल पार्क जाने वाले पर्यटक पत्थर की उन
तीन बहनों को देखकर यह सबक लेते हैं कि एक व्यक्ति की प्रसन्नता के कारण हमें दु:खी
नहीं होना चाहिए।
(हिन्दी ज़ेन से)
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