- नवनीत कुमार गुप्ता
पौष्टिकता में आलू का जवाब नहीं। आलू से तलने में उपयोग किए गए घी- तेल से भले ही मोटापा बढ़ता हो लेकिन भुना और उबला आलू व्यर्थ ही दोषी ठहराया जाता है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पौष्टिकता में आलू का जवाब नहीं। 100 ग्राम आलू (सूखे) में 16 ग्राम बढिय़ा प्रोटीन, 18-22 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 0.1 ग्राम चिकनाई, 9.7 मिलीग्राम लोहा, 10 मिलीग्राम कैल्शियम और पर्याप्त मात्रा में विटामीन ए, बी, सी होते हैं। आलू से तलने में उपयोग किए गए घी- तेल से भले ही मोटापा बढ़ता हो लेकिन भुना और उबला आलू व्यर्थ ही दोषी ठहराया जाता है।
आलू में करीब 80 प्रतिशत पानी और 20 प्रतिशत ठोस तत्व होते हैं। टमाटर, बैंगन, मिर्च और तंबाकू एक ही कुल सोलेनेसी के सदस्य हैं। वैसे कुछ लोग समझते हैं कि आलू और शकरकंद करीबी हैं लेकिन इन दोनों का आपस में कोई सम्बंध नहीं है। चावल और गेहंू के बाद आलू विश्व की तीसरी प्रमुख खाद्य फसल है।
पूरी दुनिया में आलू की पैदावार प्रति वर्ष 30 करोड़ टन से अधिक होती है। सबसे अधिक आलू चीन में पैदा होते हैं, इसके बाद रूस और तीसरा नंबर भारत का आता है। दुनिया भर में एक अरब से भी अधिक लोग आलू खाते हैं। वर्तमान में दुनिया का आधा आलू कम विकसित देशों में पैदा होता है। सबसे ज्यादा आलू बेलारूस में खाया जाता है। यहां प्रति वर्ष आलू की खपत प्रति व्यक्ति 1712 किलोग्राम है।
दुनिया में 125 देशों में आलू की खेती की जाती है। आज विश्व में आलू की 5000 के लगभग किस्में हैं जो अधिकतर एंडीज पहाडिय़ों पर उगती हैं। एक अच्छी बात यह है कि अंतराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र के जीन बैंक में ये सभी किस्में सुरक्षित हैं। इस केंद्र में रखी इन प्रजातियों में आलू की 100 के आसपास जंगली किस्में हैं। आलू के फैलाव में स्पेनी हमलावरों का योगदान अधिक है। वे सोलहवीं सदी के अंत में आलू को एंडीज़ से यूरोप लाए थे और 19वीं सदी तक आलू पूरी दुनिया में फैल गए।
आलू की खेती में पानी भी अधिक नहीं चाहिए होता है। किसी भी अन्य फसल की तुलना में प्रति इकाई पानी की खपत से आलू सबसे अधिक खाद्य पदार्थ पैदा करता है। सन 1974 में एरिकजेंकिंस ने एक पौधे से 168 किलोग्राम आलू पैदा करके विश्व रिकार्ड बनाया था जो आज भी कायम है। आलू की कुछ किस्मों में बड़ी मोहक गंध आती है। पूरे युरोप में आलू मुख्य भोजन है।
आलू में चिकनाई कम होती है उबालने पर आलू में मक्का से ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है और कैल्शियम मक्का से दुगना होता है। उबला आलू एक व्यक्ति की दैनिक प्रोटीन आवश्यकता का आधा विटामिन सी देता है। आलू में विटामिन बी भी पर्याप्त होता है। किसीे भी दूसरी सब्जी की तुलना में आलू अधिक आयरन देता है और यह आसानी से पच जाता है। आलू खाने वालों को विटामिन सी की कमी से होने वाला स्कर्वी रोग नहीं होता है। छिलके सहित उबला आलू खाने वालों को उनकी दैनिक रेशे की खुराक का 10 प्रतिशत मिल जाता है। आलू में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे मैगनीज़, क्रोमियम, सेलीनियम तथा मोलिब्डनम भी शरीर की आवश्यकता की पूर्ति लायक होते हैं।
यदि आलू हरे रंग के हो जाएं तो उनमें सोलेनिन बन जाता है जिसका असर जहरीला होता है, ऐसे आलू नहीं खाने चाहिए। आलू में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट बहुत जटिल होता है जिससे ऊर्जा धीरे- धीरे मुक्त होती है। उबलते समय आलू नमक नहीं सोखते इसलिए नमक उबलने के बाद ही डालें।
भारत में शिमला में केंद्रीय आलू संस्थान ने कुफरी श्रेणी की 45 किस्में विकसित करके आलू क्रांति में अपनी भूमिका निभाई है। आलू के महत्त्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2008 को आलू वर्ष घोषित किया था।
आलू का चिप्स रूपी अवतार बच्चों- बड़ों सभी में काफी लोकप्रिय है। असल में आलू के चिप्स की कहानी भी मजेदार है। चिप्स की खोज सन 1853 में संयोगवश हुई थी। दरअसल उस समय न्यूयॉर्क में कमांडर वांडरविल्स ने अपने नौकर से शिकायत कि उसने फ्रेंच फ्राई बहुत मोटी बना दी है। उसने आलू के बहुत बारिक टुकड़े तले जो कमांडर साहब को पसंद आए और बस, हरदिल अजीज आलू चिप्स का जन्म हुआ।
कच्चे आलू को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उनका स्टार्च शर्करा में बदल कर उन्हें मीठा बना देगा। पकाने पर आलू काले हो जाएंगे। तो बस आप भी आलू को अपने भोजन और नाश्ते में शामिल करके देखिए लेकिन हमेशा आलू को अच्छे से धोकर और छिलका सहित ही उपयोग करें। फिर देखिए आलू के संदर्भ में सोने पर सुहागा वाली बात सच साबित होगी। (स्रोत फीचर्स)
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पौष्टिकता में आलू का जवाब नहीं। 100 ग्राम आलू (सूखे) में 16 ग्राम बढिय़ा प्रोटीन, 18-22 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 0.1 ग्राम चिकनाई, 9.7 मिलीग्राम लोहा, 10 मिलीग्राम कैल्शियम और पर्याप्त मात्रा में विटामीन ए, बी, सी होते हैं। आलू से तलने में उपयोग किए गए घी- तेल से भले ही मोटापा बढ़ता हो लेकिन भुना और उबला आलू व्यर्थ ही दोषी ठहराया जाता है।
आलू में करीब 80 प्रतिशत पानी और 20 प्रतिशत ठोस तत्व होते हैं। टमाटर, बैंगन, मिर्च और तंबाकू एक ही कुल सोलेनेसी के सदस्य हैं। वैसे कुछ लोग समझते हैं कि आलू और शकरकंद करीबी हैं लेकिन इन दोनों का आपस में कोई सम्बंध नहीं है। चावल और गेहंू के बाद आलू विश्व की तीसरी प्रमुख खाद्य फसल है।
पूरी दुनिया में आलू की पैदावार प्रति वर्ष 30 करोड़ टन से अधिक होती है। सबसे अधिक आलू चीन में पैदा होते हैं, इसके बाद रूस और तीसरा नंबर भारत का आता है। दुनिया भर में एक अरब से भी अधिक लोग आलू खाते हैं। वर्तमान में दुनिया का आधा आलू कम विकसित देशों में पैदा होता है। सबसे ज्यादा आलू बेलारूस में खाया जाता है। यहां प्रति वर्ष आलू की खपत प्रति व्यक्ति 1712 किलोग्राम है।
दुनिया में 125 देशों में आलू की खेती की जाती है। आज विश्व में आलू की 5000 के लगभग किस्में हैं जो अधिकतर एंडीज पहाडिय़ों पर उगती हैं। एक अच्छी बात यह है कि अंतराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र के जीन बैंक में ये सभी किस्में सुरक्षित हैं। इस केंद्र में रखी इन प्रजातियों में आलू की 100 के आसपास जंगली किस्में हैं। आलू के फैलाव में स्पेनी हमलावरों का योगदान अधिक है। वे सोलहवीं सदी के अंत में आलू को एंडीज़ से यूरोप लाए थे और 19वीं सदी तक आलू पूरी दुनिया में फैल गए।
आलू की खेती में पानी भी अधिक नहीं चाहिए होता है। किसी भी अन्य फसल की तुलना में प्रति इकाई पानी की खपत से आलू सबसे अधिक खाद्य पदार्थ पैदा करता है। सन 1974 में एरिकजेंकिंस ने एक पौधे से 168 किलोग्राम आलू पैदा करके विश्व रिकार्ड बनाया था जो आज भी कायम है। आलू की कुछ किस्मों में बड़ी मोहक गंध आती है। पूरे युरोप में आलू मुख्य भोजन है।
आलू में चिकनाई कम होती है उबालने पर आलू में मक्का से ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है और कैल्शियम मक्का से दुगना होता है। उबला आलू एक व्यक्ति की दैनिक प्रोटीन आवश्यकता का आधा विटामिन सी देता है। आलू में विटामिन बी भी पर्याप्त होता है। किसीे भी दूसरी सब्जी की तुलना में आलू अधिक आयरन देता है और यह आसानी से पच जाता है। आलू खाने वालों को विटामिन सी की कमी से होने वाला स्कर्वी रोग नहीं होता है। छिलके सहित उबला आलू खाने वालों को उनकी दैनिक रेशे की खुराक का 10 प्रतिशत मिल जाता है। आलू में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे मैगनीज़, क्रोमियम, सेलीनियम तथा मोलिब्डनम भी शरीर की आवश्यकता की पूर्ति लायक होते हैं।
यदि आलू हरे रंग के हो जाएं तो उनमें सोलेनिन बन जाता है जिसका असर जहरीला होता है, ऐसे आलू नहीं खाने चाहिए। आलू में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट बहुत जटिल होता है जिससे ऊर्जा धीरे- धीरे मुक्त होती है। उबलते समय आलू नमक नहीं सोखते इसलिए नमक उबलने के बाद ही डालें।
भारत में शिमला में केंद्रीय आलू संस्थान ने कुफरी श्रेणी की 45 किस्में विकसित करके आलू क्रांति में अपनी भूमिका निभाई है। आलू के महत्त्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2008 को आलू वर्ष घोषित किया था।
आलू का चिप्स रूपी अवतार बच्चों- बड़ों सभी में काफी लोकप्रिय है। असल में आलू के चिप्स की कहानी भी मजेदार है। चिप्स की खोज सन 1853 में संयोगवश हुई थी। दरअसल उस समय न्यूयॉर्क में कमांडर वांडरविल्स ने अपने नौकर से शिकायत कि उसने फ्रेंच फ्राई बहुत मोटी बना दी है। उसने आलू के बहुत बारिक टुकड़े तले जो कमांडर साहब को पसंद आए और बस, हरदिल अजीज आलू चिप्स का जन्म हुआ।
कच्चे आलू को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उनका स्टार्च शर्करा में बदल कर उन्हें मीठा बना देगा। पकाने पर आलू काले हो जाएंगे। तो बस आप भी आलू को अपने भोजन और नाश्ते में शामिल करके देखिए लेकिन हमेशा आलू को अच्छे से धोकर और छिलका सहित ही उपयोग करें। फिर देखिए आलू के संदर्भ में सोने पर सुहागा वाली बात सच साबित होगी। (स्रोत फीचर्स)
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