बूँद- बूँद
बूँद- बूँद
- डॉ. आरती स्मित
बूँद- बूँद सागर
सिमटा
बूँद नयन भर पानी
बूँद बिना जीवन
सूना
बूँद की असीम
कहानी।
कहीं बूँद नयन
छलकाए
कहीं बूँद नयन मर
जाए
कहीं प्रीत गहन कर
जाए
बूँद तू हर रूप
सुहाए।
बूँद- बूँद सजी
ज़िंदगी
बूँद- बूँद हुई
बंदगी
बूँद- बूँद जली
प्रेम-लौ
बूँद रिश्तों की ज़ुबानी
।
बूँद स्वाति मोती
बनी
बूँद सागर जल खारा
बूँद विरत बदली
बनी
बूँद नेह की जल धारा।
बूँद चातकका प्राण रस
बूँदका स्पर्श
नूरानी
बूँद -बूँद समझ
स्मित
बूँद में है
ज़िदगानी।
Labels: गीत, डॉ. आरती स्मित
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