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Sep 1, 2023

उदंती. com, सितम्बर - 2023

वर्ष - 16, अंक - 2

 अनकहीः हिन्दी कब बनेगी हिन्दुस्तान की राष्ट्रभाषा? - डॉ. रत्ना वर्मा

आलेखः बोलियों में निहित हिन्दी की शक्ति  - डॉ. सुरंगमा यादव

 दोहाः  निज भाषा उन्नति अहै... -भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

 हिन्दी दिवसः हिन्दी से जुड़ी कुछ मुख्य बातें

 आलेखः भारत का अभिन्न अंग है जम्मू- कश्मीर - प्रमोद भार्गव

 आलेखः विभिन्न भाषाओं के बीच सेतु है हिन्दी - डॉ. रमाकांत गुप्ता

 दो कविताएँः मैथिलीशरण गुप्त, अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

 इतिहासः राजा भोज- कुछ अनछुए पहलू  - विजय जोशी

 स्मरणः आलोचना की अनूठी भंगिमा - डॉ.राजेन्द्र मिश्र - विनोद साव

 कविताः मरुस्थल सरीखी आँखों में  - अनीता सैनी ‘दीप्ति’

 व्यंग्यः ऐसी बानी बोलिए, जमकर झगड़ा होय  - बी. एल. आच्छा

 कहानीः मेरी बगिया  - निर्देश निधि

 लघुकथाः 1. मेट्रो लाइफ, 2. प्रॉमिस, 3. आईना  - अर्चना राय

 लेखकों की अजब गज़ब दुनियाः उम्रदराज वाले लेखक - सूरज प्रकाश

 किताबेंः प्रकृति के विविध रंगों में डूबी कविताएँ  - डॉ.  उपमा शर्मा

 प्रेरकः चाय के कप  - निशांत

7 comments:

Sujata saha said...

बेहतरीन

रमेशराज तेवरीकार said...

सामयिक, सार्थक सामग्री से युक्त एक बेहतरी अंक।

शिवजी श्रीवास्तव said...

सितंबर का माह हिंदी के लिए अत्यंत विशिष्ट है।सितंबर अंक को आपने हिंदी हेतु समर्पित किया है।आपके सम्पादकीय से लेकर हिंदी विषय अनेक महत्त्वपूर्ण आलेख अंक को विशिष्ट बना रहे हैं।उत्कृष्ट अंक हेतु बधाई स्वीकार करें।

Sudershan Ratnakar said...

हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में प्रभावशाली सम्पादकीय, महत्वपूर्ण आलेख एवं अन्य बेहतरीन रचनाओं से सुसज्जित उदंती का सितंबर 2023 के उत्कृष्ट अंक के लिए रत्ना वर्मा जी तथा सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर

डॉ. दीपेन्द्र कमथान, बरेली ! said...

हिन्दी का मतलब ही हिंदुस्तान ! हिन्दी हमारी मातृ भाषा है, जिस प्रकार माँ के बिना जीवन अधूरा उसी प्रकार हिन्दी के बिना व्याकरण अधूरी ! हिन्दी मनुष्य के बोलने और चिंतन का माध्यम है, बात लोक सेवा आयोग के चयन के प्रक्रिया की नहीं, बात है कि लिपि से पहले बोली आयी यानी पहले हिन्दी भाषा बोली गई फिर लिखी गई !
यदि क़ाबिलियत है तो भाषा योग्यता का आधार नहीं हो सकती !
आपका लेख मातृ भाषा को सींचने के वास्ते काफ़ी है !
सादर !
डॉ. दीपेन्द्र कमथान
बरेली !

surangma yadav said...

उत्कृष्ट रचनाओं से सुसज्जित अति सुन्दर अंक।मेरे आलेख को स्थान देने के लिए रत्ना वर्मा जी का हृदयतल से आभार।

Ramesh Kumar Soni said...

उदंती का यह अंक हिंदी दिवस को समर्पित है इसके सभी स्तंभ बेहतरीन सामग्रियों के साथ प्रस्तुत होकर हिंदी की श्री वृद्धि कर रहे हैं। संपादकीय टीम एवं इस अंक के रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
रमेश कुमार सोनी