उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Mar 14, 2014

महिला दिवस पर नारी का सम्मान

महिला दिवस पर नारी का सम्मान

जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड रायगढ़ द्वारा अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के क्रम में नारी जागरूकता कार्यक्रम की श्रृंखला में महिला दिवस के अवसर पर ओ.पी.जिन्दल स्कूल ऑडिटोरियम में नारी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिले एवं क्षेत्र के समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया। इनमें स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी डॉ. सुचित्रा त्रिपाठी, डॉ. काकोली पटनायक, डॉ. आनंदिता पुरकायस्थ, डॉ. लीना श्रीवास्तव, डॉ. देवतीर्था राय चौधरी, डॉ. सारिका सिंघल, बाल आयोग की जिला अध्यक्ष जस्सी फिलिप, प्रख्यात अधिवक्ता मायाभूषण गोस्वामी, राष्ट्रपति पुरूस्कार से सम्मानित शिक्षिका द्वय सुनीता चौबे व संध्या पाण्डे, महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम से सम्बंद्ध साधना पाण्डेय, अन्तर्राष्ट्रीय मारवाड़ी महिला अध्यक्ष सुधा अग्रवाल, पंजाबी महिला समिति की चरणजीत कौर, मारवाड़ी ब्राह्मण समिति की मीना भारद्वाज, सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता माधुरी त्रिपाठी, ओ.पी.जिन्दल स्कूल की शिक्षिका लीना चाको, ग्राम कलमी की सरपंच बरत कुंवर पटेल, परसदा की सरपंच ढोल कुंवर पटेल, उपसरपंच संतोषी साहू सहित कामिनी वर्मा शामिल हैं।
इस अवसर पर अगरबत्ती निर्माण के लिए सरस्वती स्वसहायता समूह कलमी, सेनिटरी नैपकिन निर्माण इकाई के लिए जय माँ लक्ष्मी संयुक्त देयता समूह कुसमुरा, बड़ी पापड़, अचार निर्माण के लिए आदर्श स्वसहायता समूह जामपाली व ढोकरा आर्ट के लिए गोरखा विस्थापित झारा समूह पुरस्कृत किए गए। इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत आशा दी होप एवं कलमी तथा भगवानपुर के महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने लोकनृत्यों की आकर्षक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में जिन्दल संयंत्र क्षेत्र के आसपास के ग्रामों के स्वसहायता से संबद्ध सैकड़ों महिलाओं ने उत्साह के साथ अपनी गौरवशाली सहभागिता दर्ज करायी। वहीं वर्णिका जगन्नाथ ने ओडिसी नृत्य तथा राजश्री व श्वेता ने कथक प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। उक्त कार्यक्रमों के दौरान विशेष रूप से अंजना शुक्ला, विमला त्रिवेदी, अर्चना त्रिवेदी, जिन्दल महिला क्लब के वरिष्ठ सदस्य रंजना जिन्दल, श्रीमती ढिल्लन, अनुभा सिन्हा, सुमन चौहान, मीता पाण्डे, पूजा जोशी तथा धैर्यलक्ष्मी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन नीरू शर्मा ने किया।
कोल माईंस में भी मनाया गया महिला दिवस

विश्व महिला दिवस के अवसर पर जेएसपीएल कोल माईंस क्षेत्र में जागृति महिला मण्डल एवं निगमित सामाजिक दायित्व विभाग के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ जागृति महिला मण्डल की पदाधिकारियों एवं मुख्य अतिथि रेखा डोकानिया ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वल्लन कर किया। इस वर्ष के थीम विषय नारी समानता सबकी प्रगति पर कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि हमें समानता का प्रयास घर से ही प्रारंभ करना चाहिए, तभी हम समाज में समानता की बात कर पाएँगे। महिला मण्डल की पदाधिकारी श्रीमती पण्डा ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं का बराबर का योगदान है। सीएसआर के विभागाध्यक्ष दयानंद अवस्थी ने इस अवसर पर  निगमित सामाजिक दायित्व विभाग द्वारा महिला जागृति एवं उत्थान के कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। फिर समाज के विकास में विशिष्ट योगदान देने वाली युवतियों व महिलाओं  को शाल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इस क्रम में निर्माण के क्षेत्र में ग्राम टपरंगा की कमला सिदार, शिक्षा के क्षेत्र में टपरंगा की पुष्पा धनेन्द्र, धौराभाठा की बबीता उरांव, जांजगीर की मोहरमति खंडईत, स्व सहायता समूह के माध्यम से महिला स्वावलंबन में योगदान के लिए आमगांव की सेतकुमारी सिदार को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सीएसआर विभाग द्वारा संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम उड़ान की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए 52 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इसमें पूजा सिदार ने सबसे अधिक 93 प्रतिशत अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया।
महिलाएँ चली स्वावलंबन की राह पर
रायगढ़ में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेज द्वारा अपराजिता प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके तहत ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेज में बीते वर्ष 500 से अधिक महिलाओं ने विभिन्न शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर स्वावलंबन की राह पकड़ ली है। प्रशिक्षण हासिल कर ये महिलाएँ अब किसी पर आश्रित नहीं रहीं और स्वयं अपने परिवार का सहारा बन गई हैं। इससे न सिर्फ उनकी और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हुईबल्कि सामाजिक स्तर में भी तेजी से बदलाव आ रहा है।
चेयरमैन नवीन जिंदल के मार्गदर्शन में जेएसपीएल हमेशा समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत रहा है। इसी दिशा में बड़ी पहल करते हुए ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेज के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपराजिता प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। ओपीजेसीसी की डायरेक्टर मिरियम जे कार्टर द्वारा इस प्रोजेक्ट के माध्यम से संयंत्र एवं कोयला खान क्षेत्र के आसपास बसे गाँवों के साथ पूरे जिले की महिलाओं को व्यावसायिक तौर पर प्रशिक्षित कर स्वावलम्बी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर महिलाओं ने भी अभूतपूर्व उत्साह दिखाया है। वर्ष 2013-14 में अब तक 500 से अधिक महिलाएँ इस प्रोजेक्ट से जुड़कर अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण हासिल कर स्व-रोजगार से जुड़ गई हैं। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेज ने अपराजिता प्रोजेक्ट की सफलता का भी उत्सव भी मनाया। इसके मुख्य अतिथि स्ट्रक्चरल स्टील डिवीजनपूंजीपथरा के कार्यपालन निदेशक एसवी राव रहे। अपराजिता प्रोजेक्ट के माध्यम से महिलाओं को राजमिस्त्रीप्लंबर एवं छोटे उपकरणों की मरम्मत का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेज जिंदल समूह द्वारा सीएसआर के तहत की गई एक बड़ी पहल है। कॉलेज की डायरेक्टर मिरियम जे कार्टर ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में ऐसे ग्रामीण युवा प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैंजो किन्हीं कारणों से स्कूल की पढ़ाई अधूरी छोड़ चुके थे। इस कॉलेज का उद्देश्य मुनाफा हासिल करना नहीं है। इसके माध्यम से न सिर्फ युवाओं की बेरोजगारी दूर कर उन्हें विभिन्न कार्यों में दक्ष बनाते हुए नौकरियों के लिए तैयार किया जा रहा हैबल्कि उन्हें नैतिक रूप से भी मजबूत किया जा रहा है। ताकि वे मजबूत समाज का आधार बनकर देश की उत्पादकताशैक्षणिक और आर्थिक उन्नति में अपना हाथ बटा सकें। ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेजपूंजीपथरा में फिलहाल तीन और छह महीनों के प्रशिक्षण के लिए प्रवेश लिया जा रहा है। इसके लिए अंतिम तिथि 25 मार्च है। कॉलेज में सीमित संख्या में विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल और आवाजाही की सुविधा भी उपलब्ध है। यहाँ किसी भी तरह की शैक्षणिक योग्यता वाले लोग प्रशिक्षण के लिए प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए 7389910788 या 7489172057 नंबर पर सुबह 9 से शाम 5 बजे के बीच संपर्क किया जा सकता है।
आमदनी के साथ सम्मान भी बढ़ा
तमनार की ही लक्ष्मीन भगत का कहना है कि प्रशिक्षण लेने से
पहले मैं निर्माण स्थल में एक सामान्य मजदूर की तरह काम करती थी। अब मैं पूर्णत: प्रशिक्षित राजमिस्त्री बन गई हूँ। इससे मेरी आमदनी भी पहले से काफी बढ़ गई है और मैं अधिक सम्मान से अपना काम कर पा रही हूँ। ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेज से प्रशिक्षण हासिल करने के बाद मेरे जीवन में यह बदलाव आया।

सुधर गई घर की आर्थिक स्थिति

ओपी जिंदल कम्यूनिटी कॉलेज से प्रशिक्षण हासिल कर राजमिस्त्री बनी तमनार की नवादाई भगत का कहना है कि राजमिस्त्री बनने के बाद मैं अपने परिवार की आर्थिक तौर पर बेहतर सहायता कर पा रही हूँ। पहले मिस्त्री के काम के लिए महिलाओं को उपयुक्त नहीं समझा जाता था। अब लोग स्वयं मेरे काम की प्रशंसा करते हैं। एक महिला राजमिस्त्री होने का मुझे गर्व है। घर के खर्च और दूसरी जरूरतों के लिए अब मैं अपने पति का हाथ अच्छी तरह से बंटा पा रही हूँ। इससे घर की आर्थिक स्थिति पहले से काफी सुधर गई है।  

No comments: