1. बुक शेल्फ
तेरहवीं हो चुकी थी। उनके सामान हटाने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी थी। कपड़े अनाथालय और मंदिरों में दान किए जा चुके थे। बचा था एक बुक शेल्फ़, जिसमें उनकी प्रकाशित किताबें, सम्मान पत्र, शॉल वगैरह करीने से सजे थे।
“इनका क्या करना है। ”“मुझे कविता कहानियों में कभी दिलचचस्पी न रही। तुम जो चाहो कर सकती हो। कबाड़ी वाले को भी बुला सकती हो। ”
“दिलचस्पी तो मुझे भी नहीं, पर मैं इसे अपनी बेटी के लिए सँभालकर रखूँगी। ”
दीवार पर सासू माँ की तस्वीर मुस्कुरा उठी।
2. परमात्मा वाली नजर
“बीना, आज आशु ने मुझे अपने शहर बुलाया है। मैं तो उस क्षण का इन्तज़ार कर रही हूँ, जब मेरी नन्हीं पोती मेरी बाहों में होगी। आज मुझे अहसास हो गया कि कोई बेटा अपने माँ-बाप से दूर नहीं रह सकता। भले ही उसने पहले न बुलाया हो, अब तो उसे माँ की याद आ ही गई,,”खुशी से चहकते हुए शीला अपनी सहेली से बात कर रही थ। ।‘इस तरह से तो मैंने सोचा ही नहीं था। मैं आशु को जाने से मना कर दूँगी’, शीला ने मन बना लिया।
तभी मोबाइल बज उठा।
“माँ, किस दिन का टिकट ले लूँ?”-आशु पूछ रहा था।
“बेटा, अभी कुछ दिन के लिए रहने दे। कुछ काम आ गया है ” शीला ने थोड़े मद्धिम स्वर में कहा।
“किन्तु कल तक तो आप तैयार थीं, आज अचानक क्या हो गया” आशु पूछ रहा था
“...........” शीला कुछ बोल नहीं पाई।
“माँ, यदि आप यह समझ रही हैं कि मैं आपको काम के लिए बुला रहा हूँ, तो आप गलत हैं। मेरे घर में बाई, कुक और आया, सभी हैं। फिर भी कुछ कमी है। ”
“क्या,” शीला असमंजस भरी आवाज़ में बोली।
“माँ, इंसान जब जन्म लेता है, तो अपने कर्मों के सहारे आगे बढ़ता है। वह परमपिता ही होते हैं जिनकी देखरेख में हम सुरक्षित रहते हैं, क्योंकि वह हर वक्त यह ख्याल रखते हैं कि बुरी बलाएँ हम तक पहुँच न सकें। वही परमात्मा वाली नज़र गुड़िया के लिए चाहिए माँ,” कहते हुए आशु भावुक हो गया।
“ कल की टिकट ले ले बेटा,” शीला की गलतफहमी दूर हो चुकी थी।
9 comments:
बहुत बढ़िया लगी 😊😊🌹🙏
सकारात्मक दृष्टि सम्पन्न सुंदर लघुकथाएँ।ऋताशेखर मधु जी को बधाई।
लघुकथाओं को यहाँ स्थान देने के लिए सादर आभार !!
रचना पसंद करने के लिए आ० आनंद जी एवं शिवजी श्रीवास्तव सर का हार्दिक आभार !!
ओह…कितनी सुन्दर दोनों कहानी…मन भावुक हो गया …बधाई ऋता जी💐
आसपास की घटनाएं लग रही है ...दोनों
लघु कथाएं ...
दोनो ही लघुकथाएँ हृदय स्पर्शी हैं। पढ़कर आँखें भी गईं। बधाईयाँ एवम् शुभकामनाएँ 🌹🌹
बहुत अच्छी लघुकथाएँ
बहुत ही सुंदर.. 🌹🙏
सकारात्मक सोच लिए बहुत सुंदर , भावपूर्ण लघुकथाएँ। बधाई
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