sadalikhna.blogspot.in/, sssinghals@gmail.com
माँ तुम कहती थी
कि ये एक चुटकी अबीर
पर होता पूरा पक्का है
प्रेम के कणों से भरा हुआ
उत्सव के क्षणों में
अपना सर्वस्व
अपनी ऊर्जा सब लुटाकर
भीग जाता है
नेह से गले लगकर !
🙏🙏
Post a Comment
1 comment:
🙏🙏
Post a Comment