अलसी का सेवन कैसे करें
-जयन्ती जैन
सुपर फुड अलसी में ओमेगा थ्री व
सबसे अधिक फाइबर होता है। डब्लयू एच ओ ने इसे सुपर फुड माना है। यह रोगों के उपचार
में लाभप्रद है। लेकिन इसका सेवन अलग-अलग बीमारी में अलग-अलग तरह से किया जाता है। स्वस्थ व्यक्ति को रोज सुबह-शाम
एक-एक चम्मच अलसी का पाउडर पानी के साथ, सब्जी,
दाल या सलाद में मिलाकर लेना चाहिए। अलसी के पाउडर को ज्यूस,
दूध या दही में मिलाकर भी लिया जा सकता है। इसकी मात्रा 30 से 60 ग्राम प्रतिदिन तक ली जा सकती है। 100-500 ग्राम अलसी को मिक्सर में दरदरा पीस कर किसी एयर टाइट डिब्बे में भर कर
रख लें। अलसी को अधिक मात्रा में पीस कर न रखें, यह पाउडर के
रूप में खराब होने लगती है। सात दिन से ज्यादा पुराना पीसा हुआ पाउडर प्रयोग न
करें। इसको एक साथ पीसने से तिलहन होने के कारण खराब हो जाता है।

कैंसर रोगियों को ठंडी विधि से
निकला तीन चम्मच तेल, छ: चम्मच पनीर में
मिलाकर उसमें सूखे मेवे मिलाकर देने चाहिए। कैंसर की स्थिति मे डॉक्टर बुजविड के
आहार-विहार की पालना श्रद्धा भाव से व पूर्णता से करनी चाहिए। कैंसर रोगियों को ठंडी विधि से निकले तेल की मालिश भी करनी चाहिए।
साफ
बीनी हुई और पोंछी हुई अलसी को धीमी आंच पर तिल की तरह भून लें। मुखवास की
तरह इसका सेवन करें। इसमें सेंधा नमक भी मिलाया जा सकता है। ज्यादा पुरानी भुनी
हुई अलसी प्रयोग में न लें।
बेसन में 25 प्रतिशत मिलाकर अलसी मिलाकर व्यंजन बनाएँ। बाटी बनाते वक्त भी उसमें भी
अलसी पाउडर मिलाया जा सकता है। सब्जी की ग्रेवी में भी अलसी पाउडर का प्रयोग करें।
अलसी सेवन के दौरान खूब पानी पीना
चाहिए। इसमें अधिक फाइबर होता है, जो खूब पानी
माँगता है। uthojago.wordpress.com,
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