मोटापे
की दवा को स्वीकृति मिली
जिस देश में एक-तिहाई लोग 'मोटे’ की श्रेणी में आते हों, वहाँ
मोटापे की दवा निश्चित तौर पर एक वरदान कही जाएगी। हाल ही में यूएस खाद्य व औषधि
प्रशासन ने मोटापे की एक दवा बेल्विक (लोर्कासेरिन) को स्वीकृति दे दी।
बताते हैं कि यह
दवा व्यक्ति को 3-4
प्रतिशत तक वज़न घटाने में मदद करती है, बशर्ते कि इसका
उपयोग स्वस्थ खुराक और व्यायाम के साथ किया जाए। फिलहाल इस दवा को मात्र उन लोगों
के लिए मंज़ूरी मिली है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30
से ज़्यादा है। इसके अलावा 27 से ज़्यादा बॉडी मास इंडेक्स
वाले कुछ लोगों के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। ये वे लोग होंगे जिन्हें उच्च
रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल की बढ़ी हुई मात्रा और मधुमेह जैसी
शिकायतें भी हों। बॉडी मास इंडेक्स दर्शाता है कि आपका वज़न आपकी ऊंचाई के अनुपात
में कितना है।
1997 में
वज़न घटाने की एक अन्य दवा फेनफ्लूरेमीन को मंजूरी मिली थी मगर उसे बाद में बाज़ार
से वापिस लेना पड़ा था क्योंकि वह हृदय वॉल्व में गड़बडिय़ाँ पैदा करती थी। उसके
बाद से वज़न घटाने की दवाइयों के लिए सुरक्षा मापदंड काफी सख्त कर दिए थे और खास
तौर से हृदय पर इनके प्रभावों की जाँच अनिवार्य कर दी गई थी। इसी आधार पर बेल्विक
को पहले 2010 में नामंजूर किया जा चुका था। अब इस दवा की
निर्माता कंपनी एरीना फार्मास्यूटिकल्स ने हृदय रोग सम्बंधी आशंकाओं को दूर कर
दिया है।
बेल्विक वज़न
घटाने में जिस क्रियाविधि से काम करती है वह दिमाग में सिरोटोनिन जैसा असर
उत्पन्न करती है जिससे व्यक्ति में खाने
की इच्छा कम होती है, वह
कम खाता है और फिर भी उसे पेट भरा-भरा लगता है।
वैसे इस मामले में
औषधि व चिकित्सा विशेषज्ञों का मत है कि ऐसी दवाइयों के लाभ और हानि का विश्लेषण
करके ही कोई निर्णय करना चाहिए। इन विशेषज्ञों के मुताबिक अमरीका में मोटे लोगों
की संख्या बहुत अधिक है और मोटापा स्वयं कई तकलीफों और बीमारियों को न्यौता है, जैसे मधुमेह, हृदय रोग वगैरह।
लिहाज़ा, उनके अनुसार यदि बेल्विक के साइड प्रभाव हैं तो भी
यह देखना होगा कि क्या मोटापे में कमी लाकर यह अन्य तरह से ज़्यादा मदद करती है।
यह बात तो सभी
मानते हैं कि सिर्फ दवा से कोई फायदा होने की उम्मीद बहुत कम है। इसके साथ अपनी
खुराक को दुरुस्त करना और जीवन शैली में स्वस्थ बदलाव भी उतने ही अनिवार्य होंगे।
(स्रोत फीचर्स)
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