स्वास्थ्य ही पूंजी है
सफल जीवन के लिए स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए 07 अप्रैल, 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्थापना की गई थी। जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य मानकों को समाज के निचले स्तर तक पहुंचाना और विकासशील देशों सहित पिछड़े देशों में जन जागृति बढ़ाना है।
हेल्थ इज वेल्थ अर्थात स्वास्थ्य ही पूंजी है। पर हालात आज ऐसे बन गए हैं कि जटिल और तनावग्रस्त जीवनशैली से जूझते हुए लोग ना तो अपने खान-पान पर ध्यान देते और ना ही अपने स्वास्थ्य की अहमियत समझते है। यह तो सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। जब हम शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे तभी हम सफलतापूर्वक अपने अन्य कार्य पूरा पाएंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि रोगाणुओं में एंटीबायोटिक्स के लिए लगातार प्रतिरोधकता बढऩे से कई दवाओं का असर कम होने का खतरा पैदा हो गया है। दूसरी ओर हम बहुत सी बीमारियों के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भर हैं। इन दवाओं के कारगर न होने पर स्थिति जानलेवा हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य लोगों में नियमित शारीरिक गतिविधियों जैसे व्यायाम, खेलकूद, मनोरंजन व जीवन के सभी कार्यों के प्रति जागरूकता लाना भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मनाए जाने वाले इस दिन का प्रमुख उद्देश्य जनस्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों की ओर सबका ध्यान खींचना है।
आज अपनी सही कार्यशैली और नियंत्रण की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन पूरी दुनिया में सम्मानपूर्वक देखा जाता है। मलेरिया, पोलिया, चेचक, हैजा, वायरल आदि कई बीमारियों को रोकने में विश्व स्वास्थ्य संगठन का विशेष योगदान रहा है। इसके अलावा एड्स, हेपेटाईटिस, और इन जैसी अनेक असाध्य रोगों के लिए शोध करवाके औषधियों के निर्माण आदि पर विचार विमर्श कर रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि रोगाणुओं में एंटीबायोटिक्स के लिए लगातार प्रतिरोधकता बढऩे से कई दवाओं का असर कम होने का खतरा पैदा हो गया है। दूसरी ओर हम बहुत सी बीमारियों के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भर हैं। इन दवाओं के कारगर न होने पर स्थिति जानलेवा हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य लोगों में नियमित शारीरिक गतिविधियों जैसे व्यायाम, खेलकूद, मनोरंजन व जीवन के सभी कार्यों के प्रति जागरूकता लाना भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मनाए जाने वाले इस दिन का प्रमुख उद्देश्य जनस्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों की ओर सबका ध्यान खींचना है।
आज अपनी सही कार्यशैली और नियंत्रण की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन पूरी दुनिया में सम्मानपूर्वक देखा जाता है। मलेरिया, पोलिया, चेचक, हैजा, वायरल आदि कई बीमारियों को रोकने में विश्व स्वास्थ्य संगठन का विशेष योगदान रहा है। इसके अलावा एड्स, हेपेटाईटिस, और इन जैसी अनेक असाध्य रोगों के लिए शोध करवाके औषधियों के निर्माण आदि पर विचार विमर्श कर रही है।
इसे भी अजमाएं
- रोज एक घंटे व्यायाम करना या पैदल चलना सेहत के लिए काफी अच्छा होता है, यह कई अध्ययनों में साबित हो चुका है। अब एक नए अध्ययन में पता चला है कि पैदल चलने से याददाश्त बढ़ती है। साथ ही पैदल चलने से सीखने की क्षमता में भी विकास होता है।
- क्या आपको कसरत करने का वक्त निकालना भारी पड़ता है। लेकिन व्यस्त दिनचर्या में से तीन मिनट तो निकाल ही सकते हैं, क्योंकि सिर्फ 3 मिनट की कसरत से आपका शरीर छरहरा बन सकता है। हर रोज घंटों जिम में लगाने से बेहतर है कि हफ्ते में एक दिन प्रभावी तरीके से कसरत की जाए।
- अंकुरित अनाज सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। अब गेहूं को ही ले लीजिए। गेहूं के आटे से बनी चपाती तो सबसे सहज और पौष्टिक खाद्य है ही अंकुरित गेहूं भी आपको ढेर सारे विटामिन्स तथा पौष्टिक तत्व दे सकते हैं।
- अगर आपको खांसी, दमा, पीलिया, ब्लडप्रेशर या दिल से संबंधित मामूली से लेकर गंभीर बीमारी है तो इससे छुटकारा पाने का एक सरल-सा उपाय है- शंख बजाइए और इन रोगों से छुटकारा पाइए। शंखनाद से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का नाश तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही चेहरे, श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों का व्यायाम होता है और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
- और अगर मोटापे को दूर रखना है तो रोजाना थोड़ी मात्रा में मेवा खाइए। रोजाना एक औंस यानी करीब 28 ग्राम कच्चा बिना छिलका उतारे बादाम या अखरोट खाने से चर्बी नहीं बढ़ती। है न आसान उपाय।
- क्या आपको कसरत करने का वक्त निकालना भारी पड़ता है। लेकिन व्यस्त दिनचर्या में से तीन मिनट तो निकाल ही सकते हैं, क्योंकि सिर्फ 3 मिनट की कसरत से आपका शरीर छरहरा बन सकता है। हर रोज घंटों जिम में लगाने से बेहतर है कि हफ्ते में एक दिन प्रभावी तरीके से कसरत की जाए।
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