
पंख होते तो उड़ आती रे.....

कार्बन मिश्रण से बने ईव रोजी के इंधन भरे पंखों का वजन करीब 55 किलोग्राम होता है। इनमें मिट्टी के तेल से उर्जा संचार करने वाले चार टरबाईन लगे हैं। हालांकि पखों को मोडऩे के लिए इसमें कोई यंत्र नहीं है और ईव स्वंय अपने शरीर के सहारे दिशा पर नियंत्रण रखते हैं। ईव अपनी उड़ान के दौरान एक विशेष प्रकार का सूट पहनते हैं (फॉर्मूला वन कार के चालकों के समान), जो उन्हें मशीन की गर्मी से बचाता है। अब वह दिन दूर नहीं जब इंसान अपने पंख लगा कर दुनिया की सैर करने निकलेगा।


पोती की उम्र की दुल्हन
पोता- पोती खिलाने की उमर में यदि कोई व्यक्ति 16 साल की लडक़ी से शादी करना चाहेगा तो उसका तो यही हाल होना था। बिहार में एक 70 वर्षीय सुंदर भगत नामक बुजुर्ग द्वारा अपनी पोती की उम्र की लडक़ी के साथ ब्याह रचाने का ख्वाब उस समय खाक में मिल गया जब दुल्हन दूल्हे को देखते ही मंडप से भाग खड़ी हुई। यह घटना या कहिए दुर्घटना पटना के दीघा थानाक्षेत्र में मखदुमपुर गांव के शिवाजीनगर मोहल्ले में घटी है। विद्युत विभाग से सेवानिवृत्त हुए सुंदर के यहां सोमवार को विवाह का मंडप सजा था। मंडप में 70 वर्षीय दूल्हा सज-धज कर अपनी होने वाली दुल्हन की प्रतीक्षा कर रहा था। दुल्हन मंडप तक पहुंची तो लेकिन अपने भावी जीवनसाथी का चेहरा देखते ही मंडप छोड़ भाग खड़ी हुई। बस फिर क्या था दुल्हन को भागते देख गांव में अफरातफरी का महौल हो गया।। सभी लोग ये जानना चाहते थे कि आखिर क्या हुआ? जाहिर है दुल्हन को अंधेरे में रखकर ही एक दादा की उम्र वाले व्यक्ति से उसकी शादी की जा रही थी। ये तो अच्छा हुआ लडक़ी ने दूल्हे का चेहरा देख लिया और भाग खड़ी हुई। यदि शादी हो जाती और घूंघट उठाते समय दूल्हे को देखती तो न जाने क्या हो जाता। 20 वर्ष पहले सुंदर की पत्नी की मौत हो गई थी। उसके पुत्र और पोते दूर रहते हैं। सो सुंदर ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए एक जवान लडक़ी से शादी करने का सपना देखा था जो चूर चूर हो गया। उम्मीद है इस हादसे के बाद दादा की उम्र में ऐसा ख्वाब संजोने वाले सचेत हो जाएंगे।
No comments:
Post a Comment