कुंडली से पहले करें
ब्लड ग्रुप का मिलान
- प्रो. अश्विनी केशरवानी
ब्लड ग्रुप का मिलान
- प्रो. अश्विनी केशरवानी

वास्तव में
विवाह दो अनजाने व्यक्यिों का मधुर मिलन होता है-दो परिवारों के बीच एक नया सम्बन्ध।
अत: इस सम्बन्ध की प्रगाढ़ता के लिए कुछ तथ्यों पर गंभीरतापूर्वक विचार किए जाने
की परम्परा होती है। इसके अंतर्गत विवाह पूर्व लड़के और लड़की की कुंडली मिलायी जाती
है, कुल गोत्र और
पारिवारिक चरित्रावली का अवलोकन किया जाता है। इसके पीछे वंशानुक्रम को जीवित रखने
के साथ-साथ सुखी और स्वस्थ परिवार की कल्पना होती है। आज इस प्रकार की कितनी
शादियाँ सफल हो पाती हैं, वह अलग बात है, मगर इस विधि को कोई
छोडऩा नहीं चाहता। यह एक विचारणीय प्रश्न है। बहरहाल कुंडली और राशि की बात महज और
थोथी लगती है क्योंकि कुंडली बच्चे के जन्म समय और तिथि के आधार पर बनाई जाती है।
मशीनी युग में आपको घड़ी सही समय बताएगी इस पर संदेह है। वैसे भी आज अधिकतर बच्चे
अस्पतालों में पैदा होते है और बच्चे के जन्म के समय डॉक्टर-नर्स सभी डिलिवरी
कराने में व्यस्त रहते है। इस समय थोड़ी सी असावधानी जच्चा और बच्चा के जीवन के
लिए खतरा बन सकता है, ऐसे वक्त किसका ध्यान समय नोट करने की ओर जाएगा...हाँ, रजिस्ट्रर
में खाना- पूर्ति के लिए अवश्य लिखा होता है मगर अंदाज से लिखे इस समय के आधार पर
बना कुंडली और राशि कितना सही हो सकता है, इसका अंदाज आप
स्वंय लगा सकते हैं। भारत के
अलावा किसी दूसरे देश में कुंडली जैसी कोई चीज नहीं होती। पश्चिम के देशों में
विवाह लड़के-लड़की के रक्त समूह की जाँच करके की जाती है। यहाँ जाति बंधन नहीं
होता। इनसे जन्में बच्चे स्वस्थ, सुन्दर और उच्च बौद्धिक स्तर के होते हैं।
आज ऐसे विवाहों की आवश्यकता है, जिसमें सादगी और उसका रक्त स्वस्थ हो, तो आइए
पहले अपने रक्त के बारे में जान लें। वास्तव में
हमारे शरीर में पाए जाने वाले रक्त की रचना हल्के पीले रंग के द्रव तथा इसमें
उतराने वाली कोशिकाओं से होता है। इस द्रव को 'प्लाज्मा’तथा
कोशिकाओं को 'रक्त कणिकाएँ’कहते हैं। ये रक्त
कणिकाएँ लाल और सफेद कणिकाओं से मिलकर बना होता है। रक्त की 54 से 60 प्रतिशत
मात्रा प्लाज्मा तथा चालीस से छियालिस प्रतिशत मात्रा रक्त कणिकाओं की होती है। यह
मात्रा परिस्थिति और स्वास्थ्य के अनुसार परिवर्तित होते रहता है।

यह तो हुई
रक्त की बात रक्त में उपस्थित एंटीबाडीज और एंटीजन्स की उपस्थिति से रक्त चार
प्रकार के होते हैं जिन्हें A, B, AB और O रक्त समूह
से प्रदर्शित किया जाता है। वह व्यक्ति जिसके रक्त में एन्टीजन्स A और
एन्टीबाडी B होता है उसे रक्त समूह A में रखा जाता है।
इसी प्रकार जिस रक्त में एन्टीजन्स B और एन्टीबाडी A होता है
उसे रक्त समूह क्च में रखा जाता है और जिसमें एन्टीजन्स और B होता है परन्तु एन्टीबाडी नहीं होता उसे
रक्त समूह AB में रखा जाता है। इसी प्रकार जिसमें कोई एन्टीजन्स नहीं होता
लेकिन एन्टीबाडी A और B दोनों होता है तब
उसे रक्त समूह O में रखा जाता है। जब शरीर में रक्त की कमी होती है तब रक्त
देते समय रक्त समूह की जाँच आवश्यक होता है। । रक्त समूह के लोग A और O रक्त समूह
से रक्त ग्रहण कर सकता है और A तथा AB समूह को रक्त दे
सकता है। इसी प्रकार B रक्त समूह B और O के रक्त
को ग्रहण कर सकता है B तथा AB समूह को रक्त दे
सकता है। मगर AB रक्त समूह वाले लोग A, B, AB और O रक्त समूह
का रक्त ग्रहण कर सकता है लेकिन केवल AB रक्त समूह को ही
रक्त दे सकता है। इसके इस प्रवृत्ति के कारण इसे 'यूनिवर्सल रिसेप्टर’कहते है।
इसी प्रकार O रक्त समूह सभी रक्त समूह वाले व्यक्ति को रक्त दे सकता है
लेकिन केवल O समूह का यही रक्त को ग्रहण कर सकता है। इसके इस प्रवृत्ति के
कारण इसे 'यूनिवर्सल डोनेटर' कहा जाता है। रक्त
देते अथवा लेते समय ऐसा नहीं करने से रक्त जम जाता है और व्यक्ति की मृत्यु हो
जाती है। रक्त में Rh फेक्टर भी होता है। यह दो प्रकार का होता
है- Rh+ औरक्रद्ध- विवाह पूर्व रक्त की जाँच करते समय रक्त समूह के
साथ-साथ Rh Factor को भी देखा जाता है।
यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है कि Rh- रक्त वाला लड़का Rh+ तथा Rh- दोनों
प्रकार के रक्त वाले रक्त वाले लड़की से शादी कर सकता है मगर Rh+ रक्त वाला
लड़का को Rh+ रक्त वाले लड़की से ही शादी करना चाहिये, Rh- वाली लड़की से नहीं अन्यथा लड़की के स्वास्थ्य
पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसी प्रकार लड़कियों के रक्त में अगर Rh- फैक्टर है
तो उसका विवाह Rh- फैक्टर वाले लड़के से सफल हो सकता है अन्यथा बच्चा एबनार्मल
होता है और डिलवरी के समय जच्चा, बच्चा दोनों के जीवन को खतरा होता है। इससे
होने वाली बीमारी को 'इरिथ्रोब्लास्टोसिस फीटेलिस’कहते हैं।
इससे स्वस्थ बच्चा जनने की आशा नहीं होती। स्वस्थ विवाह के लिये निम्न लिखित चार्ट
दिया जा रहा है।
लड़के का
रक्त समूह लड़की रक्त समूह
अ. ABO सिस्टम के
अनुसार
A A
A AB
B B
B AB
AB AB
O A,B,AB&
O
ब. Rh सिस्टम के
अनुसार
Rh+ Rh+
Rh- Rh- & Rh+
निम्नलिखित
चार्ट में रिस्की विवाह वाले रक्त समूह का वर्णन दिया जा रहा है:
अ. ABO सिस्टम के
अनुसार
A O&B
B O&A
AB O, A & B
ब. Rh सिस्टम के
अनुसार
Rh+ Rh-
उपर्युक्त
रक्त समूह वाले चार्ट से आपको स्वस्थ और सुखी परिवार के लिये लड़का और लड़की ढूँढ़ने
में सहयोग मिल सकेगा।
सम्पर्क:
राघव, डागा कालोनी, चांपा-495671 (छ.ग.), Email – ashwinikesharwani@gmail.com
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