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Aug 1, 2021

उपचार- एँटीबॉडी युक्त नेज़ल स्प्रे बचाएगा कोविड से

 

महामारी की शुरुआत से वैज्ञानिक कोविड-19 के उपचार के लिए एँटीबॉडी विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल कई एँटीबॉडी क्लीनिकल परीक्षण के अंतिम दौर में हैं और कइयों को अमेरिका और अन्य देशों की नियामक एजेंसियों द्वारा आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी गई है।

अलबत्ताडॉक्टरों के बीच एँटीबॉडी उपचार अधिक लोकप्रिय नहीं है। गौरतलब है कि फिलहाल एँटीबॉडी इंट्रावीनस मार्ग (रक्त शिराओं) से दी जाती हैं न कि सीधे सांस मार्ग जबकि वायरस मुख्य रूप से वहीं पाया जाता है। इस वजह से काफी अधिक मात्रा में एँटीबॉडी का उपयोग करना होता है। एक अन्य चुनौती यह है कि सार्स-कोव-2 वायरस के कुछ संस्करण ऐसे भी हैं जो एँटीबॉडीज़ को चकमा देने में सक्षम हैं।

इस समस्या के समाधान के लिए युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के हेल्थ साइंस सेंटर के एँटीबॉडी इंजीनियर ज़ीचियाँ ग एन और उनकी टीम ने ऐसी एँटीबॉडी विकसित कीं जिन्हें सीधे श्वसन मार्ग में पहुंचाया जा सके जहाँ  उनकी ज़रूरत है। इसके लिए टीम ने स्वस्थ हो चुके लोगों की हज़ारों एँटीबॉडीज़ की जांच की और अंतत: ऐसी एँटीबॉडीज़ पर ध्यान केंद्रित किया जो सार्स-कोव-2 के उस घटक की पहचान कर पाएँ जो वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है। इनमें से सबसे प्रभावी IgG एँटीबॉडीज़ पाई गर्इं जो संक्रमण के बाद अपेक्षाकृत देर से प्रकट होती हैं लेकिन विशिष्ट रूप से किसी रोगजनक के खिलाफ कारगर होती हैं।

इसके बाद टीम ने सार्स-कोव-2 को लक्षित करने वाले IgG अंशों को IgM नामक एक अन्य अणु से जोड़ा। IgM संक्रमण के प्रति काफी शुरुआती दौर में प्रतिक्रिया देता है। इस तरह से तैयार किए गए IgM ने सार्स-कोव-2 के 20 संस्करणों के विरुद्ध मात्र IgG की तुलना में अधिक शक्तिशाली प्रभाव दर्शाया। नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जब विकसित किए गए IgM को चूहों के श्वसन मार्ग में संक्रमण के 6 घंटे पहले या 6 घंटे बाद डाला गया तो दो दिनों के भीतर चूहों में वायरस का संक्रमण कम हो गया।

लेकिन फिलहाल ये प्रयोग चूहों पर किए गए हैं और महत्त्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या ये एँटीबॉडी मनुष्यों में उसी तरह से काम करेंगी।

एन का मत है कि यह एँटीबॉडी एक तरह का रासायनिक मास्क है जिसका उपयोग सार्स-कोव-2 के संपर्क में आए व्यक्ति कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए रक्षा का एक और कवच हो सकता है जो टीका लगने के बाद पूरी तरह सुरक्षित नहीं हुए हैं।

IgM अणु अपेक्षाकृत टिकाऊ होते हैंइसलिए इनको नेज़ल स्प्रे के रूप में आपातकालीन उपयोग के लिए रखा जा सकता है। फिलहाल कैलिफोर्निया आधारित IgM बायोसाइंस नामक एक बायोटेक्नॉलॉजी कंपनी द्वारा एन के साथ मिलकर इस एँटीबॉडी के क्लीनिकल परीक्षण की योजना है। (स्रोत फीचर्स)

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