बच्चों के लिए चित्रमयी झाँकी
एकलव्य प्रकाशन-ई- 10 शंकर नगर बीडीए कॉलोनी,
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एकलव्य द्वारा बच्चों के लिए प्रकाशित पुस्तकें हमेशा ही उपयोगी, रचनात्मकता लिये हुए और कहानी, कविता तथा विभिन्न घटनाक्रमों के माध्यम से शिक्षा देने के साथ प्रेरक होती हैं। पुस्तकों में उकेरे गए चित्र अपने आप में पूरी कथा का बिम्ब प्रस्तुत करते हैं। बच्चों को जिन्हें पढऩा नहीं पड़ता, वे सिर्फ चित्र देखकर जानकारी हासिल करते हैं। यूँ भी बच्चों को चित्रों के माध्यम से सिखाना- पढ़ाना ज्यादा आसान होता है, बनिस्तपत शब्दों के। रंग- बिरंगे चित्र बच्चों को सबसे पहले आकर्षित करते हैं। एकलव्य से प्राप्त सभी किताबें रंग- बिरंगे चित्रों से भरी हुईं हैं। ऐसी किताबें जिनमें चित्र बोलते हैं, शब्द नहीं।
सिर का सालन खदीर के परिवार में इतवार के दिन भोजन पकाने की ऐसी कहानी है कि मुँह में पानी आ जाए। इसके लेखक हैं मोहम्मद खदीर बाबू और चित्रकार हैं गुलाम मोहम्मद शेख।
मितवा-
परिवार के रिश्तों से जूझती और उसमें अपने लिए जगह तलाशती एक लड़की मितवा की कहानी। इसके लेखक हैं कमला भसीन और चित्र बनाए हैं शिवांगी।
खत-
खत लिखने से उनके गंतव्य तक पहुँचने की यात्रा की बात करती एक किताब। इसके लेखक और चित्रकार हैं सुमित पाटिल व रुपाली बर्गें।
पतंग-
सपनों को उडाऩ देती पतंग। बचपन में रंग भरती पतंग। पुस्तक के लेखक हैं राजेश जोशी और चित्र बनाए हैं सुविधा मिस्त्री ने।
आओ बादल-
बारिश और बादलों पर आधारित एक कविता। इसके लेखक हैं श्याम सुशील और चित्रों से संजोया हिै प्रोइती रॉय ने।
क्या बात हो गई-
साँझ का वर्णन करती एक कविता। इस किताब के रचनाकार हैं प्रभात औतर चित्र बनाए हैं हीरा धुर्वे ने।
यह कहानी है एक कछुए और लाल पहाड़ की। यह बिना शब्दों की चित्रमय कहानी है । जिसके चित्रकार हैं- वासवी ओज़ा।
अच्छा मौसी अलविदा-
चिडिय़ा और बिल्ली के बीच हो रहे खट्टे मीठे संवादों को बयाँ करती एक किताब. मय माड़ की लोककथा है जिसका पुनर्लेखन किया है प्रभात ने औतर मांडना शैली के चित्र बनाए है सुनीता ने।
कुत्ते का एक दिन-
यह एक कुत्ते के एक दिन की चित्रमय कहानी है जो बच्चो को बहुत पसंद आने वाली है। इतसके चित्र बनाए हैं नरेन्द्रन आर नायर ने।
जब पुरुषों ने शिकार किया, तब महिलाओं ने क्या किया?-
जब पुरुष शिकार के लिए जाती थीं तो महिलाएँ क्या करती थीं। पाषाणकाल में मिले शैल चित्रों में इस सवाल का जवाब तलाशती एक किताब। इसके लेखक हैं सी.एन.सुब्रह्मण्यम्।
जब महिलाओं ने शिकार किया, तब पुरुषों ने क्या किया-
मध्यकालीन शिल्पों में महिला शिकारियों की मज़ेदार कहानियाँबयाँ करती एक छोटी-सी चित्र किताब। इसके लेखक हैं सी,एन. सुब्रह्मण्यम्।
अकाल और उसके बाद-
यह किताब नागार्जुन की एक चर्चित कविता में से एक है। कविता को चित्रों से सँजोया है कैरनहेडॉक ने।
कहानियों का पेड़-
इस किताब की कहानियाँ सबरी और उसके दोस्तों की है। सबरी जिसको चित्र बनाना बेहद पसंद है। इन कहानियों को लिखा है रिनचिन ने और चित्र बनाए हैं कनक शशि ने।
कक्कु के कारनामे -
कक्कु का पढऩे में बिलकुल मन नहीं लगता था पर खेलना और दोस्त बनाना उसे बेहद पसंद था । उसकी शरारतों को बयाँ करती खूसबसूत किताब है यह। इसके लेखक हैं पीके बसन्त।
अकम से पुरम तक-
एक कहानी जब जन्म लेती है तो क्या होती है? उसमें कहने सुनने वाले कितना कुछ जोड़ते और बदलते हैं। इससे कहानी एक विस्तार पाती है। कहानी के इसी सफर को दर्शाती है यह किताब। इसकी लेखिका हैं तेजी ग्रोवर।
जंगली सरसों के उपहार-
एक फसल से दूसरी फसल का विकास कैसे हुआ? प्राकृतिक और कृत्रिम चयन क्या है? उन्हीं सवालों पर चर्चा करती है यह किताब। इस किताब के कहानीकार और चित्रकार हैं कैरन हेडॉक।
चलों चलें पक्षी देखने-
बच्चों को आसपास के पक्षियों से रूबरू कराती एक चित्रकथा है यह किताब। पक्षियों को चित्रों में उकेरा है श्रद्धा किरकिरे ने।
दूसरे विश्व युद्ध के समय जापान के हिरोशिमा शहर में अमरीका द्वारा परमाणु बम गिराया गया। इस किताब में प्रस्तुत कविताएँ जापान के शान्ति संग्रहालय में परमाणु बम से प्रभावित हुए लोगों की प्रदर्शित वस्तुओं पर लिखी गई हैं। इसके लेखक हैं आर्थर बिनार्ड और जापानी से हिन्दी में अनुवाद किया है तोमोको किकुचि ने।
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