घोंसला सजाने वाला पक्षी

धब्बेदार बॉवरबर्ड का नर तिनके जोड़-जोड़कर एक घोंसला बनाता है।
घोंसले को बॉवर कहते हैं। यह कुटिया बनाने के बाद वह इसे तरह-तरह की चीजों से
सजाता है ताकि किसी मादा को रिझा सके। सजावट की सबसे महत्त्वपूर्ण वस्तु सोलेनम एलिप्टिकम नामक पौधे की बेरियाँ होती
हैं। और लगता है कि अपने घोंसले को सजाने के चक्कर में यह पक्षी उस इलाके में
पौधों के वितरण को बदल रहा है।
यूके के एक्सेटर विश्वविद्यालय के जोआ मैडन ने ऑस्ट्रेलिया के
क्वींसलैण्ड क्षेत्र में सोलेनम एलिप्टिकम के वितरण का अध्ययन किया। यह क्षेत्र
धब्बेदार बॉवर पक्षी का प्राकृतवास है। हालाँकि
ये पक्षी अपना घोंसला उन जगहों पर नहीं बनाते जहाँ सोलेनम एलिप्टिकम की बहुतायत हो, मगर
घोंसला बनाने के एक साल बाद हर घोंसले के आस-पास औसतन 40
सोलेनम एलिप्टिकम पौधे पाए गए। जिन पक्षियों के घोंसलों के आस-पास ज़्यादा पौधे थे
उनके घोसलों में बेरियाँ भी ज़्यादा पाई गर्इं। मैडन यह तो पहले ही देख चुके थे कि
बेरियों की संख्या के आधार पर नर पक्षी की संतानोत्पत्ति में सफलता का अच्छा
अनुमान लगाया जा सकता है। तो मैडन का अनुमान है कि मुख्य काम घोंसले में बेरियाँ
इकट्ठी करना है। जो बेरियाँ मुरझा जाती हैं उन्हें यह पक्षी घोंसले से बाहर फेंक
देता होगा और वे वहाँ उग आती होंगी।


No comments:
Post a Comment