इनसे मिलिए यह है भारत का सबसे 'लंबा' परिवार। इस कुलकर्णी परिवार में सभी सदस्य इतने लंबे हैं कि अब वे विश्व रेकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। इस परिवार में हैं 52 साल के शरद कुलकर्णी, जिनकी लंबाई 7 फुट 1.5 इंच है। उनकी 46 वर्षीय पत्नी संजोत, जो 6 फुट 2.6 इंच लंबी हैं। कुलकर्णी की दोनों बेटियां भी 6 फुट लंबी हैं। उनकी बड़ी बेटी मुरूगा 22 साल की है और लंबाई है 6 फुट, छोटी बेटी सान्या जो सिर्फ 16 साल की हैं वह 6.4 फुट की हैं। परिवार के चारो सदस्यों की लंबाई मिला दें तो पूरी 26 फुट बैठती है। अब यह परिवार की कुल लंबाई 26 फुट पर नया विश्व रेकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। कुलकर्णी और उनकी पत्नी का नाम लिम्का बुक ऑफ विश्व रेकॉर्ड में पहले से ही दर्ज है।
शरद कुलकर्णी और संजोत की शादी 1989 में हुई थी। कुलकर्णी को उम्मीद थी कि वे 'सबसे लंबे पति- पत्नी हैं और वे गिनेस बुक ऑफ रेकॉर्ड भी बना पाएंगे, लेकिन यह रेकॉर्ड कैलिफोर्निया के वेन और लॉरी हॉलक्विस्ट ने अपने नाम कर लिया था। दोनों की लंबाई 13 फुट 4 इंच थी।
इसके बाद अब कुलकर्णी परिवार को उम्मीद है कि वे इस बार दोनों बेटियों के साथ मिलकर जरूर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा लेंगे। इस परिवार का अपनी लंबाई के बारे में कहना है कि जब आप दूसरों से अलग होते हैं तो लोग आपको देखते हैं थोड़ा अजीब तो लगता है लेकिन जब आपकी यही अलग पहचान दुनिया तक पहुंचती है तो अच्छा लगता है। हमें उम्मीद है कि सबसे लंबे परिवार का विश्व रेकॉर्ड बनाने में हम जरूर कामयाब होंगे।
शरद कुलकर्णी और संजोत की शादी 1989 में हुई थी। कुलकर्णी को उम्मीद थी कि वे 'सबसे लंबे पति- पत्नी हैं और वे गिनेस बुक ऑफ रेकॉर्ड भी बना पाएंगे, लेकिन यह रेकॉर्ड कैलिफोर्निया के वेन और लॉरी हॉलक्विस्ट ने अपने नाम कर लिया था। दोनों की लंबाई 13 फुट 4 इंच थी।
इसके बाद अब कुलकर्णी परिवार को उम्मीद है कि वे इस बार दोनों बेटियों के साथ मिलकर जरूर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा लेंगे। इस परिवार का अपनी लंबाई के बारे में कहना है कि जब आप दूसरों से अलग होते हैं तो लोग आपको देखते हैं थोड़ा अजीब तो लगता है लेकिन जब आपकी यही अलग पहचान दुनिया तक पहुंचती है तो अच्छा लगता है। हमें उम्मीद है कि सबसे लंबे परिवार का विश्व रेकॉर्ड बनाने में हम जरूर कामयाब होंगे।
6100 मगरमच्छ
चीन में एक किसान और व्यवसायी जिआंगसू प्रांत के फुनिंग शहर में रहने वाले याओ शाओजुंग ने मगरमच्छों के लिए एक फार्म बनाया है, जिसमें करीब 6100 मगरमच्छ पल रहे हैं। वे 2004 से इन मगरमच्छों को पाल रहे हैं।
याओ को सिआमेस मगरमच्छों में विशेषज्ञता हासिल है और उसने हाल ही में थाईलैंड से 36 मगरमच्छ खरीदे हैं। सिआमेस मगरमच्छ ऊष्ण कटिबंधीय इलाकों में रहते हैं और याओ इनको तापमान में आए बदलाव से बचाने के लिए सर्दियों में सौर ऊर्जा वाले ग्रीन हाउस में रखते है।
याओ के फार्म में सबसे बड़े मगरमच्छ का वजन 350 किलोग्राम है। मुख्यत: दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाए जाने वाले सिआमेस मगरमच्छों को विलुप्त हो रही प्रजाति माना जाता है। कुछ वन्यजीव कार्यकर्ताओं के मुताबिक दक्षिणी चीन के कुछ शहरों में इनके मांस को बहुत चाव के साथ खाया जाता है।
याओ को सिआमेस मगरमच्छों में विशेषज्ञता हासिल है और उसने हाल ही में थाईलैंड से 36 मगरमच्छ खरीदे हैं। सिआमेस मगरमच्छ ऊष्ण कटिबंधीय इलाकों में रहते हैं और याओ इनको तापमान में आए बदलाव से बचाने के लिए सर्दियों में सौर ऊर्जा वाले ग्रीन हाउस में रखते है।
याओ के फार्म में सबसे बड़े मगरमच्छ का वजन 350 किलोग्राम है। मुख्यत: दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाए जाने वाले सिआमेस मगरमच्छों को विलुप्त हो रही प्रजाति माना जाता है। कुछ वन्यजीव कार्यकर्ताओं के मुताबिक दक्षिणी चीन के कुछ शहरों में इनके मांस को बहुत चाव के साथ खाया जाता है।
प्रकृति की अनमोल कलाकारी
कुदरत के रंग भी अनोखे होते हैं यह अपने अजब- गजब रंग दिखाती ही रहती है। अब जरा नीचे के इस चित्र को देखिए ऐसा लगेगा मानों कोई औरत के आकार का पुतला पेड़ पर लटक कर रहा है। लेकिन सच तो यह है कि यह एक अनोखा फूल है जिसे नारीलता फूल कहते हैं। यह यह एक दुर्लभ फूल है जो 20 साल के अंतराल पर खिलता है। यह भारत के हिमालय और श्रीलंका तथा थाईलैंड में पाए जाने वाले एक पेड़ में खिलता है। हिमालय में इसे इसके आकार के कारण नारीलता फूल कहा जाता है। जब यह फूल खिलता है तो पूरे पेड़ पर चारो तरफ औरत नुमा यह फूल लटके रहते हैं और हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि महिला के बनावट का यह फूल है वाकई में दुर्लभ एवं प्रकृति की अनमोल कलाकारी है।
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