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May 1, 2023

किताबेंः भाषाई तकनीक की जानकारी देती किताब

  -  प्रमोद भार्गव

प्रकाशक: श्री शिशिर मिश्रा, संस्कार साहित्य माला  (हिन्दी पुस्तकों के प्रकाशक व वितरक), मुंबई, संपर्क: 09969977079 , 9820946062, email- ssmhindibooks@gmail.com

अब हिंदी तकनीक से समृद्ध हो चुकी है। तकनीक से जुड़े ज्यादातर आयामों और प्रारूपों को हिंदी आत्मसात् कर चुकी है। इससे पता चलता है कि हिंदी की नवीनतम प्रौद्योगिकी को ग्राह्य करने की क्षमता विलक्षण है। तकनीक के इन्हीं नवोन्मेषी आयामों का अभिलेख है। श्री राहुल खटे की पुस्तक ‘राजभाषा हिंदी के नवोन्मेषी आयाम।‘ यह पुस्तक यह बताती है कि हिंदी में विभिन्न विषयक काम करने के लिए कौन-कौन से सॉफ्टवेयर विकसित कर लिये गए हैं। इनसे जुड़ने की लिंक क्या हैं और इन्हें प्रयोग में कैसे लाते हैं। इनसे जब हम परिचित हो जाते हैं, तो सहज ही इस आत्मविश्वास से भर जाते हैं कि हिंदी में हम न केवल साहित्य लेखन, पत्राचार अपितु वे सब व्यावसायिक कार्य भी कर सकते हैं, जो हमें आजीविका के लिए रोजगार देने वाले हैं। भाषा कोई भी हो, जब हमें रोजगार देने लगती है, तो उसे सीखने की ललक स्वाभाविक रूप से मन-मस्तिष्क में उत्पन्न हो जाती है। मजे की बात यह है कि ये सभी सॉफ्टवेयर निशुल्क अंतर्जाल पर उपलब्ध हैं, अर्थात् नया सीखने के लिए जेब में हाथ डालने की जरूरत नहीं है।

वर्तमान समय तकनीक का यानी ‘टेक्नोयुग‘ है और इस युग में ब्रह्मांड से जुड़ने का माध्यम, मसलन मोबाइल हमारी मुट्ठी में है। अब इस ब्रह्मांड में किस गृह अर्थात किस गंतव्य पर जाना है, उसका रास्ता सॉफ्टवेयर आसानी से सुझा देते हैं। बुद्धि के पर्याय ये सॉफ्टवेयर मार्गदर्शक की भूमिका में एक योग्य शिक्षक की भांति मोबाइल के रूप में हमारे साथ हैं। लेकिन इस तकनीक को ठीक से समझने और उसे क्रियान्वित करने की लगभग संपूर्ण जानकारी इस पुस्तक में लिपिबद्ध है। यह पुस्तक आपको बताती है कि हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में तकनीक ने कौन-कौन सी व्यावहारिक उपलब्धियाँ हासिल कर ली हैं। कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने किन-किन भारतीय भाषाओं में की-बोर्ड यानी कुंजीपटल बना लिए हैं। अपनी भाषा के कुंजीपटल से टंकण करने से गति बढ़ना स्वाभाविक है। भारत सरकार ने ई-शिक्षा को बढ़ावा देने की दृष्टि से ‘स्वयंप्रभा‘ सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल ज्ञान का पिटारा खोल दिया है। देवनागरी लिपि में यदि आपको अपना ई-पता बनाना है तो उसे कैसे बनाएँ, यह सरल विधि इस पुस्तक से आप जान लेंगे। भारत की भाषा-नीति और भाषाओं के परस्पर संगम से ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘ बना देने की चिंता व सुझाव भी इस पुस्तक में हैं।

अब आजीविका से जुड़ा कोई भी कार्य क्षेत्र विशेष से जुड़ा होकर क्षेत्र विशेष में ही सिमटा नहीं रह गया है। इसकी व्यापकता वैश्विक हुई है। अतएव किसी भी भाषा में उपलब्ध तकनीक तभी महत्त्वपूर्ण है, जब हम संचार के सभी माध्यमों से लेकर ई-शिक्षा, ई-व्यापार, ई-बैंकिंग, ई-कृषि, ई-यातायात इत्यादि की सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए भाषायी तकनीक को प्रयोग में लाकर इच्छित कार्य संपन्न कर सकें। इस हेतु कौन सा ऐप (एप्लिकेशन) किस-किस एप के माध्यम से संपादित की जा सकेगी यह जानकारी इस पुस्तक के अध्याय ‘माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगी एप्लीकेशन’ में है। निश्चित ही इस पुस्तक के माध्यम से लेखन ने भाषा, तकनीक और विज्ञान का त्रिवेणी संगम स्थापित किया। ■■

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