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Apr 4, 2021

पहलः आप भी जुड़ सकते हैं इस अभिनव प्रयास में

छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र बस्तर के कोण्डागाँव जिले के कुम्हारपारा गाँव में साथी समाज सेवी संस्था नाम से स्थापित संस्था लगभग 40 वर्षों से आदिवासियों के जीवन के संवर्धन- संरक्षण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए निरंतर काम कर रही है।

2004 में इस संस्था ने बस्तर के आदिवासी बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़े रखने के साथ- साथ बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य एक विद्यालय का प्रारंभ किया। स्कूल का आरंभ नर्सरी के बच्चों को पढ़ाने से हुआ था। उद्देश्य था उन आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा उपलब्ध कराना जिनके माता- पिता आर्थिक अभाव या जागरुकता की कमी के कारण अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते। एक छोटे से कमरे से चालू हुआ स्कूल धीरे- धीरे आकार लेने लगा और अब इस स्कूल में बच्चे, कक्षा 8 तक की शिक्षा ग्रहण करते हैं। साथी राउंड टेबल गुरुकुल के नाम से स्थापित इस स्कूल में विगत 16 वर्षों से हजारों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में यहाँ 400 बच्चे अध्ययनरत हैं।

2020 का साल इस विद्यालय के लिए भी मुसीबतों से भरा रहा। कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद से ही स्कूल की शिक्षण- व्यवस्था डगमगा गई है। कुछ माह तक तो स्कूल के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था संस्था ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से करने की कोशिश की;  पर धीरे- धीरे मुश्किलें बड़ी होती गईं और नौबत स्कूल बंद करने की आ गई।  फिर भी स्कूल के संचालकों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने शुभचिंतकों के नाम एक पत्र लिखकर अपील जारी की,  कि इस संकट की घड़ी में वे विद्यालय संचालन के लिए कुछ आर्थिक सहयोग कर विद्यालय को बंद होने से बचाने में आर्थिक सहयोग करें।

इस अपील का तुरंत प्रभाव पड़ा- पिछले कई वर्षों से जो शुभचिंतक इस विद्यालय को अनुदान देते आ रहे थे, वे सब तो तुरंत सहयोग के लिए आगे आए, साथ ही मासिक पत्रिका उदंती.com’  के लेखकों को जैसे ही इस स्कूल के संकटकाल का पता चला, उन्होंने भी दिल खोलकर संस्था का साथ दिया। इसमें भाई रामेश्वर काम्बोज हिमांशुजी की विशेष भूमिका रही। इस प्रकार कुछ समय के लिए विद्यालय का संकट टल गया। हम उम्मीद करते हैं जब तक संकट टल नहीं जाता तब तक अनुदान देने वालों की संख्या इसी तरह बढ़ती जाएगी और आदिवासी बच्चों की शिक्षा बीच में नहीं रुकेगी। साथ ही स्कूल संचालन में भागीदारी करने वाले अनेक कर्मचारी और शिक्षक बेरोजगार होने से बच जाएँगे।

पिछले कई वर्षों से जो सदस्य नियमित अनुदान दे रहे हैं उनके नाम इस प्रकार हैं- प्रियंका-गगन सयाल- लंदन मैनचेस्टर,  सुमन परगनिहा- रायपुर,  डॉ. प्रतिमा- अशोक चंद्राकर- रायपुर, अरुणा-नरेन्द्र तिवारी रायपुर, राजेश चन्द्रवंशी- रायपुर, क्षितिज चन्द्रवंशी- रायपुर, आयुश चन्द्रवंशी- रायपुर, अक्षत वर्मा- रायपुर।

कोरोना काल में आई मुसीबत के समय उदंती के जिन रचनाकारों ने तुरंत अपना अमूल्य सहयोग देकर विद्यालय को सहायता पहुँचाई उनके नाम हैं- रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, सुकेश कुमार साहनी, कमला निखुर्पा, डॉ. शिवजी श्रीवास्तव, सुदर्शन रत्नाकर, डॉ. सुषमा गुप्ता एवं विजय जोशी।

बहुतों को अनुदान देने वालों का नाम प्रकाशित करने पर आपत्ति हो सकती है। आपको बता दें कि इनमें से कोई भी नहीं चाहता कि उनका नाम उजागर किया जाए; परंतु नाम देकर न तो हम उनकी भावनाओं को आहत करना चाहते हैं, न ही हम किसी का गुणगान करना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य मात्र उनके इस अमूल्य सहयोग के प्रति आभार व्यक्त करना है, धन्यवाद देना हैं। इस नेक र्काय में यदि आप भी अगर सहयोग करने के इच्छुक हैं तो, मोबाइल नम्बर  9425524044 और Email- drvermar@gmail.com पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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