नारी की करूणा अंतर्जगत का उच्चतम विकास है जिसके बल पर समस्त
सदाचार ठहरे हुए हैं। -जयशंकर प्रसाद
इस अंक में
अनकही: प्रकृति को भी चाहिए साँस लेने की जगह....
-डॉ. रत्ना वर्मा
कोरोना: क्या टीके की दूसरी खुराक में देरी सुरक्षित है? -स्रोत फीचर्स
महिला दिवस: एक आँख का क्या बंद करें और क्या खोलें
-डॉ. पद्मजा शर्मा
पर्व-संस्कृति: खालसाई ओज का प्रतीक होला महल्ला –डॉ.
पूर्णिमा राय
संस्मरण: तुम्हारे जाने के बाद -कल्पना मनोरमा
परिणामः हिन्दी प्रचारिणी सभा कैनेडा द्वारा आयोजित -लघुकथा प्रतियोगिता
किताब: उम्र
भर देखा किए -डॉ. प्रताप सहगल
जन्म दिवस: लोहिया- तुम थे फक्कड़ फ़कीर की बानगी -
विजय जोशी
यात्रा: दापोली में तीन दिन: नीला सागर... काली घटाएँ, सफेद लहरें -प्रिया आनंद
कविता: डरी सहमी औरतें -रश्मि विभा त्रिपाठी 'रिशू'
उर्दू व्यंग्य:
एक मुर्दे से बातचीत -अताउल हक कासमी, अनुवाद -अखतर अली
लघु व्यंग्य: कच्चा माल-लघुकथाओं के लिये -महेश राजा
अनुसंधान: सूचना एवं संचार टेक्नॉलॉजी के प्रमुख
पड़ाव -डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन
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