दर्द आँसू में ढलता नहीं
-ज़हीर कुरैशी,
-ज़हीर कुरैशी,
हिम नयन में पिघलता नहीं,
दर्द आंसू में ढलता नहीं।
अनवरत साथ चलते हुए,
वो मेरे साथ चलता नहीं।
मुग्ध है अपनी मुस्कान पर,
फूल के बाद, फलता नहीं।
रंग रितुओं ने बदले, मगर,
मन का मौसम बदलता नहीं।
तुलना बेटी से करने के बाद,
फिर... कली को मसलता नहीं।
द्वंद से वो भी थकने लगा,
वो जो घर से निकलता नहीं।
कितने दिन से शयन-कक्ष में,
एक दीपक भी जलता नहीं।
नींद की मेजबानी
नींद की मेजबानी मिली,
स्वप्न से जब कहानी मिली।
दिन में सूरजमुखी से मिले,
रात भर रातरानी मिली
रंग फसलों ने बदले नहीं,
हर समय फस्ल धानी मिली।
उनको 'लिव इन' सुरक्षित लगा,
प्यार में बुद्धिमानी मिली।
नीम की पत्तियों की तरह,
झूठ से सच बयानी मिली।
हर नदी में समंदर तलक,
जिंदगी की निशानी मिली।
शेर में थी नयी व्यंजना,
किन्तु सज-धज पुरानी मिली।
संपर्क- समीर काटेज, बी-21 सूर्य नगर, शब्द प्रताप आश्रम के पास,
ग्वालियर 474012 (मप्र), मो. 09425790565
दर्द आंसू में ढलता नहीं।
अनवरत साथ चलते हुए,
वो मेरे साथ चलता नहीं।
मुग्ध है अपनी मुस्कान पर,
फूल के बाद, फलता नहीं।
रंग रितुओं ने बदले, मगर,
मन का मौसम बदलता नहीं।
तुलना बेटी से करने के बाद,
फिर... कली को मसलता नहीं।
द्वंद से वो भी थकने लगा,
वो जो घर से निकलता नहीं।
कितने दिन से शयन-कक्ष में,
एक दीपक भी जलता नहीं।
नींद की मेजबानी
नींद की मेजबानी मिली,
स्वप्न से जब कहानी मिली।
दिन में सूरजमुखी से मिले,
रात भर रातरानी मिली
रंग फसलों ने बदले नहीं,
हर समय फस्ल धानी मिली।
उनको 'लिव इन' सुरक्षित लगा,
प्यार में बुद्धिमानी मिली।
नीम की पत्तियों की तरह,
झूठ से सच बयानी मिली।
हर नदी में समंदर तलक,
जिंदगी की निशानी मिली।
शेर में थी नयी व्यंजना,
किन्तु सज-धज पुरानी मिली।
संपर्क- समीर काटेज, बी-21 सूर्य नगर, शब्द प्रताप आश्रम के पास,
ग्वालियर 474012 (मप्र), मो. 09425790565
2 comments:
dono gazlen bahut achchhi ....
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