![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg8aX3lqRXxp2U1lek9JYFDEQ-ZGb6BoxrlvWr_IFY86V7ZIgT3n2O7sDqLmElRjQ61rODVUzXXFFfpW4tgSp_w48vOzh4U4sPcvESZT-57YYOcP_zp2xCb_3VrNxUXQ5o7UAst2E-3POfy/s200/cartoon-currption.jpg)
आज के जमाने का परम मित्र
सदाबहार भ्रष्टाचार हूं मैं
सभी के मन में बसा
आज सामाजिक शिष्टाचार हूं मैं
जिन्होंने मुझे अपनाया
वे पहुंचे बुलन्दियों पर
जिन्होंने मुझे नहीं साधा
वे चूक गए मंजिलों से
एक बार अपना कर देखिए
मजा खुद-ब-खुद आने लगेगा
आपकी सम्पत्ति शोहरत और चरित्र में
चहुमुखी निखार आने लगेगा
चारो तरफ मेरा स्वागत विस्तार
एवं गुणगान हो रहा है
मेरे मौसेरे भाई अत्याचार का भी
बड़ा प्रसार हो रहा है
मेरा चचेरा भाई व्यभिचार भी
कंधे से कंधा मिला आगे बढ़ रहा है
हम तीनों का गहरा प्रभाव
राजनीति कार्यपालिका और विधायिका में दिख रहा है।
शहरी इंसान
शहरी ठहरा चतुर इंसान
गंगा- यमुना को खुद गंदा करता
फिर करोड़ों का गोरखधंधा करता
चला कर सफाई का अभियान
शहरी ठहरा चतुर इंसान।।
अंग्रेजी
अंग्रेजों ने अंग्रेजी पढ़ाकर हमें अपनी प्रजा बनाया
हम अंग्रेजी पढ़ा- पढ़ाकर राजा बना रहे हैं
अपनी भाषा भूषा सब बदले फिर भी मुस्कुरा रहे हैं
जिसने हमारा चरित्र बदला उसी अंग्रेजी के गुण गा रहे हैं।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXameSdGyHM7wT3loVPAV33OCJcRCW-ZZa39iiADo5FG3T6dBziyfc4Z56uEbsm4yGIVxk6LpeHaZr53q0rWUS23yYg-wv5utWTloV0ihGIpRhckteLQs0VvGq5jD5ErQywE4htZXh11bW/s200/Ramavtar+sachan.jpg)
सदाबहार भ्रष्टाचार हूं मैं
सभी के मन में बसा
आज सामाजिक शिष्टाचार हूं मैं
जिन्होंने मुझे अपनाया
वे पहुंचे बुलन्दियों पर
जिन्होंने मुझे नहीं साधा
वे चूक गए मंजिलों से
एक बार अपना कर देखिए
मजा खुद-ब-खुद आने लगेगा
आपकी सम्पत्ति शोहरत और चरित्र में
चहुमुखी निखार आने लगेगा
चारो तरफ मेरा स्वागत विस्तार
एवं गुणगान हो रहा है
मेरे मौसेरे भाई अत्याचार का भी
बड़ा प्रसार हो रहा है
मेरा चचेरा भाई व्यभिचार भी
कंधे से कंधा मिला आगे बढ़ रहा है
हम तीनों का गहरा प्रभाव
राजनीति कार्यपालिका और विधायिका में दिख रहा है।
शहरी इंसान
शहरी ठहरा चतुर इंसान
गंगा- यमुना को खुद गंदा करता
फिर करोड़ों का गोरखधंधा करता
चला कर सफाई का अभियान
शहरी ठहरा चतुर इंसान।।
अंग्रेजी
अंग्रेजों ने अंग्रेजी पढ़ाकर हमें अपनी प्रजा बनाया
हम अंग्रेजी पढ़ा- पढ़ाकर राजा बना रहे हैं
अपनी भाषा भूषा सब बदले फिर भी मुस्कुरा रहे हैं
जिसने हमारा चरित्र बदला उसी अंग्रेजी के गुण गा रहे हैं।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXameSdGyHM7wT3loVPAV33OCJcRCW-ZZa39iiADo5FG3T6dBziyfc4Z56uEbsm4yGIVxk6LpeHaZr53q0rWUS23yYg-wv5utWTloV0ihGIpRhckteLQs0VvGq5jD5ErQywE4htZXh11bW/s200/Ramavtar+sachan.jpg)
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ग्राम डढ़वापुर जिला रमाबाई नगर (कानपुर देहात) में जन्म। शिक्षा- एमएससी (कृषि)। भारतीय स्टेट बैंक से अधिकारी पद से रिटायर। बागबानी का शौक, समाज सेवा। अकेलेपन से निपटने के लिए मन की आवाज कलम के माध्यम से कभी- कभी कागज पर उतर आती है। पता - 13/1 बलरामपुर हाऊस मम्फोर्डगंज, इलाहाबाद - 211002 मो. 09628216646
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