साधारण रंग के नर तेन्दुए के साथ काले रंग के मादा तेन्दुए का यह अत्यंत दुर्लभ चित्र टेलीफोटो लेन्स युक्त कैमरे से दक्षिण भारत के एक जंगल में लिया गया है। काले रंग के तेन्दुओं की अलग से नस्ल नहीं होती। ये भी पीले रंग के ऊपर काले धब्बों वाली नस्ल में ही मेलनिज़्म नामक जैविक विसंगति के कारण कभी कभार जन्म लेते हैं। तेन्दुआ अकेले जीवन- व्यतीत करने वाला प्राणी हैं। सिर्फ सहवास के लिए ही नर और मादा एक दो दिन के लिए साथ- साथ रहते हैं। मादा शिशुओं को अकेले ही पालती है। इस परिप्रेक्ष्य में काले तेन्दुए को जंगल में देख पाना दुर्लभ है और काले तेन्दुए को प्राकृतिक अवस्था में जोड़े में देख पाना तो अत्यधिक दुर्लभ अवसर है। वन्य प्राणियों के तस्करों से इन्हें सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से जंगल का नाम गुप्त रखा गया है।
अलका ने रचा इतिहास
असम के राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क में अलका नाम की एक हथिनी ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया है। इतिहास में किसी हथिनी द्वारा जुड़वा बच्चे पैदा करने की यह अद्भुत घटना है। हाथी के ये दोनों जुड़वा बच्चे मादा हैं। अलका ने इससे पहले भी चार बच्चों को जन्म दिया है। इनमें से पांच साल की इनकी बहन अपनी दो नन्हीं बहनों को देख कर उन्हें छोड़कर जाने को तैयार नहीं थी, लेकिन मां को डर था कि नन्हें शिशुओं को कुछ नुकसान न पहुंचा दे, अत: वह उसे दूर हटाना चाहती थी। इन दोनों शिशुओं को बाघों का भी डर है इसलिए पार्क अधिकारियों ने इनकी सुरक्षा हेतु दो व्यक्ति नियुक्त किया है।
असम के राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क में अलका नाम की एक हथिनी ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया है। इतिहास में किसी हथिनी द्वारा जुड़वा बच्चे पैदा करने की यह अद्भुत घटना है। हाथी के ये दोनों जुड़वा बच्चे मादा हैं। अलका ने इससे पहले भी चार बच्चों को जन्म दिया है। इनमें से पांच साल की इनकी बहन अपनी दो नन्हीं बहनों को देख कर उन्हें छोड़कर जाने को तैयार नहीं थी, लेकिन मां को डर था कि नन्हें शिशुओं को कुछ नुकसान न पहुंचा दे, अत: वह उसे दूर हटाना चाहती थी। इन दोनों शिशुओं को बाघों का भी डर है इसलिए पार्क अधिकारियों ने इनकी सुरक्षा हेतु दो व्यक्ति नियुक्त किया है।
1 comment:
wow.. very intereting ! :)
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