
तकिए में साउंड डिवाइस लगाने की यह तकनीक पिछले साल अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के बाद काफी लोकप्रिय हो गई है। हालांकि अध्यापकों ने ऐसे तकियों का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी है।
इस अनोखे तकिए को बनाने वाले डिजायनर का दावा है कि यह तकिया पहले से रिकॉर्ड किए गए कक्षा के पाठ्यक्रम और छात्रों द्वारा बनाए गए नोट्स उन्हें रात भर सुनाएगा। जिससे सुबह उठने के बाद भी उन्हें याद रहेंगी। उन्होंने बताया कि 20 पौंड (करीब 13 सौ रुपए) के इस तकिए के फाइबर में एक स्पीकर लगाया गया है। इसे एमपी-3 और सीडी प्लेयर से भी जोड़ा जा सकता है। अगर कोई खर्राटे की समस्या से पीडि़त है, तो उसका जीवन-साथी भी इस तकिये की मदद ले सकता है। यह तकिया रात भर हल्का संगीत सुनाएगा, जिससे खर्राटे नहीं सुनाई देंगे।
तो परीक्षार्थी लीजिए हो जाईए खुश और परीक्षा के समय चैन की नींद लीजिए। न पढऩे की झंझट न रात भर जागने की। मान गए भई दुनिया के रंग निराले हैं! अब समझने वाली बात तो यह है कि यदि नींद में सब कुछ याद रहेगा तो फिर लोग पढ़ाई ही क्यों करेंगे। लगता है मनुष्य स्वयं ही अपने दिमाग को कुंद करने में लगा हुआ है।
इस अनोखे तकिए को बनाने वाले डिजायनर का दावा है कि यह तकिया पहले से रिकॉर्ड किए गए कक्षा के पाठ्यक्रम और छात्रों द्वारा बनाए गए नोट्स उन्हें रात भर सुनाएगा। जिससे सुबह उठने के बाद भी उन्हें याद रहेंगी। उन्होंने बताया कि 20 पौंड (करीब 13 सौ रुपए) के इस तकिए के फाइबर में एक स्पीकर लगाया गया है। इसे एमपी-3 और सीडी प्लेयर से भी जोड़ा जा सकता है। अगर कोई खर्राटे की समस्या से पीडि़त है, तो उसका जीवन-साथी भी इस तकिये की मदद ले सकता है। यह तकिया रात भर हल्का संगीत सुनाएगा, जिससे खर्राटे नहीं सुनाई देंगे।
तो परीक्षार्थी लीजिए हो जाईए खुश और परीक्षा के समय चैन की नींद लीजिए। न पढऩे की झंझट न रात भर जागने की। मान गए भई दुनिया के रंग निराले हैं! अब समझने वाली बात तो यह है कि यदि नींद में सब कुछ याद रहेगा तो फिर लोग पढ़ाई ही क्यों करेंगे। लगता है मनुष्य स्वयं ही अपने दिमाग को कुंद करने में लगा हुआ है।
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