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शैनडांग प्रांत की जियूजिन जब 13 साल की थीं तो उन्होंने एक कॉटन मिल में काम करना शुरू कर दिया था। उसके बाद उन्हें पढऩे का मौका नहीं मिल पाया। 18 साल की उम्र में ही जियूजिन की शादी हो गई थी। लेकिन उन्होंने अपने सभी बच्चों को स्कूल भेजा। उनके बेटे फेंगजिन ने कहा कि मेरी मां ने हमें पढ़ाने के लिए अपने सारे जेवर तक बेच दिए।
जियूजिन का सबसे बड़ा सपना एक दिन खुद स्कूल जाना था उसी सपने को अब वह पूरा कर रही हैं। उनके सबसे छोटे बेटे 58 वर्षीय यी फैंगजिन ने उनके सपने को साकार करने में मदद की। उन्होंने ही अपनी मां का स्कूल में दाखिला कराया। उनके लिए स्कूल का पहला दिन बहुत ही सुखद रहा। कक्षा में पहले दिन उन्होंने कहा कि मैं मेहनत से पढ़ाई कर देश के लिए अपना योगदान देना चाहती हूं। उनमें पढऩे की उमंग इतनी कि अध्यापक की बात सुनने के लिए कानों की मशीन और किताबों को पढऩे के लिए बड़े लैंस का इस्तेमाल करती हैं।
तभी तो कहते हैं कि सपने अवश्य देखने चाहिए क्योंकि वे कभी न कभी पूरे अवश्य होते हैं। जियूजिन खुशकिस्मत हैं कि वह इस उम्र में भी स्कूल जा पाईं। पर जियूजिन जैसे बहुत से बच्चे हैं, जिन्हें बचपन में पढऩा नसीब नहीं होता। यदि पढऩे में रुचि रखने वाले बच्चों का सपना पूरा करने में हम भी अपना योगदान दे पाएं तो दुनिया कितनी खुशहाल हो जाएगी क्योंकि शिक्षा से बढ़कर और कुछ भी नहीं है।
रहती फिल्म 'दबंग' के गाने 'मुन्नी बदनाम..' से उन्होंने मनचलों की धड़कन भले ही बढ़ा दी हों पर यहां हम उनके फिल्मी ठुमकों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं यहां तो इस तस्वीर में पहनी उनकी उस चोली की बात कर रहे हैं जिसकी कीमत लगभग छह करोड़ बताई जा रही है। यह चोली मलाइका ने दिल्ली के एक ज्वेलरी फैशन शो के दौरान पहने थे। 500 कैरेट से ज्यादा के बेल्जियम हीरों से जड़ी लगभग एक लाख यूरो की यह बस्टी (ब्लाऊज) पहनकर मलाइका भला बदनाम क्यों होने लगीं।
कि अंग्रेजी भाषा देवी का यह मंदिर 25 अक्टूबर (लार्ड मैकाले का जन्मदिवस) पर तैयार हो जाएगा। सब जानते ही हैं कि लार्ड मैकाले ने ही भारत में अंग्रेजी भाषा की शिक्षा प्रारंभ की थी।
फिलहाल अंग्रेजी भाषा की यह देवी की प्रतिमा स्कूल के प्रिंसिपल के कमरे में रखी है और उसकी पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई है। दलित नव विवाहित जोड़े अंग्रेजी भाषा देवी की प्रतिमा के सामने हाथ जोड़कर प्रण करते हैं कि वे अपनी संतान को अंग्रेजी भाषा में ही शिक्षा देंगे।
जियूजिन का सबसे बड़ा सपना एक दिन खुद स्कूल जाना था उसी सपने को अब वह पूरा कर रही हैं। उनके सबसे छोटे बेटे 58 वर्षीय यी फैंगजिन ने उनके सपने को साकार करने में मदद की। उन्होंने ही अपनी मां का स्कूल में दाखिला कराया। उनके लिए स्कूल का पहला दिन बहुत ही सुखद रहा। कक्षा में पहले दिन उन्होंने कहा कि मैं मेहनत से पढ़ाई कर देश के लिए अपना योगदान देना चाहती हूं। उनमें पढऩे की उमंग इतनी कि अध्यापक की बात सुनने के लिए कानों की मशीन और किताबों को पढऩे के लिए बड़े लैंस का इस्तेमाल करती हैं।
तभी तो कहते हैं कि सपने अवश्य देखने चाहिए क्योंकि वे कभी न कभी पूरे अवश्य होते हैं। जियूजिन खुशकिस्मत हैं कि वह इस उम्र में भी स्कूल जा पाईं। पर जियूजिन जैसे बहुत से बच्चे हैं, जिन्हें बचपन में पढऩा नसीब नहीं होता। यदि पढऩे में रुचि रखने वाले बच्चों का सपना पूरा करने में हम भी अपना योगदान दे पाएं तो दुनिया कितनी खुशहाल हो जाएगी क्योंकि शिक्षा से बढ़कर और कुछ भी नहीं है।
मलाइका ने पहनी हीरों जड़ी चोली
बॉलीवुड की 'छइयां-छइयां गर्ल' मलाइका अरोरा खान अपने जलवे बिखेरने में कभी भी पीछे नहीं![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgvh9F3Drv4QsNKwLleMedVZ1LrFo7PKLYIy6cr0yJThK7uRYcS5I2BBEKrY-xvcAa8vGE-_I5uSextTP4PaSD-FdQSSzWg8-Zb_kHkhd4kp45xzKensaYVdPdYf8BvMtNttAhI2LIeC8ZK/s200/malaika+arora.jpg)
अंग्रेजी माता की जय!
उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी नगर के नालंदा पब्लिक स्कूल में अंग्रेजी भाषा की प्रतिमा बनाकर उसे देवी के रूप में पूजा जा रहा है। योजना है कि मंदिर बनाकर इस प्रतिमा को उसमें स्थापित किया जाएगा। अनुमान है![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjCPCaW0CWZu2DePcCoVko9iNywrWL2eCcKUEVg_IR8SIKuaeL5kl-OVWBUkS2cYPyUcog7rbuMwYye7ow54y2sxTq-JiFI3fSCIG0ZyzzRm_CYWDxsbL44yXolhUZX8O1G5ixYQ779KNB9/s200/English+Mata+edt.jpg)
फिलहाल अंग्रेजी भाषा की यह देवी की प्रतिमा स्कूल के प्रिंसिपल के कमरे में रखी है और उसकी पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई है। दलित नव विवाहित जोड़े अंग्रेजी भाषा देवी की प्रतिमा के सामने हाथ जोड़कर प्रण करते हैं कि वे अपनी संतान को अंग्रेजी भाषा में ही शिक्षा देंगे।
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