
इसे सबसे पहले खोजा था डाटुक चान ने। उनके ही नाम पर इसका नामकरण फोबेटिकस चानी किया गया है। वैसे साधारण भाषा में इसे चान मेगास्टिक कहते हैं। इस प्रजाति का विस्तृत वर्णन तैयार करने व नामकरण का काम ब्रिटिश वैज्ञानिक फिलिप ब्रौग ने किया। यह उन कीटों में से है जो बिलकुल टहनी जैसे दिखते हैं। यदि आपको ऐसा कीट दिखेगा तो काफी संभावना है कि आप इसे कोई तिनका या टहनी मानकर आगे बढ़ जाएंगे। इससे पहले जो सबसे लंबा कीट ज्ञात था वह भी एक टहनी कीट ही था- फोबेटिकस सिरेटाइपस। उसकी लंबाई चान मेगास्टिक की अपेक्षा 1 सेमी से भी ज़्यादा कम थी और यदि सिर्फ शरीर की लंबाई की बात करें तो चान मेगास्टिक पिछले रिकॉर्डधारी फोबेटिकस किर्बाई से करीब 3 सेमी लंबा है।

फोबेटिकस कीटों की करीब 300 प्रजातियां पाई जाती हैं। रोचक बात यह है कि पहले के रिकॉर्डधारी कीट तो हम 100 वर्षों से जानते हैं मगर यह वाला अक्टूबर 2008 में जाकर ही हाथ लगा है। वैसे अभी भी हमें इसकी जीवन चर्या के बारे में कुछ नहीं मालूम। ऐसे कीट साधारणतया बरसाती जंगल में वृक्षों की छाया में पाए जाते हैं। अब इसके तीन प्रादर्श उपलब्ध हैं और तीनों संग्रहालय में रखे हैं। साइज़ के अलावा इस कीट के अंडे भी कम विचित्र नहीं हैं। आम तौर पर हम सुनते आए हैं कि बीजों में ऐसी संरचनाएं पाई जाती हैं, जो उनको दूर- दूर तक बिखेरने में सहायक होती हैं।
मगर इस मेगास्टिक के अंडों में दोनों तरफ पंखनुमा संरचनाएं होती हैं, जो इसे हवा में उड़ाकर दूर-दूर तक पहुंचने में सहायता करती हैं।
(स्रोत)
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