तो तैयार हो जाइए अंतरिक्ष की सैर के लिए
अंतरिक्ष में जाने का ख्वाब देखने वाले रईस यात्रियों का सपना अब साकार होने के और करीब आ गया है। 2012 से वर्जिन गैलैक्टिक स्पेस टूरिज्म की फ्लाइट शुरू करेगा। इसके लिए नया रनवे बनकर तैयार हो गया है।
अगर वर्जिन एट्लैंटिक पृथ्वी की हवाओं पर सैर कराने के लिए है तो वर्जिन गैलैक्टिक का वादा है कि 2012 से वह लोगों को अतंरिक्ष तक घुमा लाएगा। कंपनी के मालिक रिचर्ड ब्रैंसन ने अमेरिका के न्यू मेक्सिको में नए रनवे का उद्घाटन किया। ब्रैंसन ने कहा, 'यह स्पेस एज का दूसरा दौर है और हमें गर्व है कि हम कहानी के इस मोड़ पर अपना योगदान दे रहे हैं। यहां से शायद हर रोज अंतरिक्ष के लिए फ्लाइटें रवाना होंगी। यही नहीं, वैज्ञानिक, एक्सप्लोरर हमारे ग्रह के आगे और नए विकल्प तलाशेंगे।' मौके पर मौजूद नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ चांद पर कदम रखने वाले एड्विन 'बज' एल्ड्रिन ने इस बात को लेकर खुशी जताई की आम लोग अंतरिक्ष जा सकेंगे।
खिड़की से देखेंगे पृथ्वी को 2012 के अंतरिक्ष टूरिस्ट, स्पेसशिप-2 या वीएसएस एंटरप्राइज पर सवार होंगे। इसमें छह यात्रियों के लिए जगह है, इसकी टेस्टिंग इस साल मार्च में संपन्न हुई है। यह स्पेसशिप करीब 18 मीटर लंबी है। शून्य गुरुत्व का आभास करते अंतरिक्ष यात्री आराम से इसके कैबिन में तैर सकेंगे।
उड़ान भर रहा स्पेसशिप का 'मदर शिप' वाइट नाइट- 2 या ईव, स्पेसशिप को 50 हजार फीट की ऊंचाई तक ले जाएगा और उसे वहां छोड़ देगा। स्पेसशिप- 2 अपना रॉकेट फायर करेगा और रॉकेट के दम पर अंतरिक्ष पहुंच जाएगा। बाहर पहुंचकर स्पेसशिप में बैठे यात्री पृथ्वी को विमान की गोलाकार खिड़कियों यानी पोर्टहोल से देख सकेंगे। वे अपने सीट- बेल्ट उतार कर आराम से शिप में तैर भी सकेंगे। ब्रैंसन ने कहा है कि इस वक्त स्पेसशिप को सबऑर्बिटल ही रखा गया है, यानी स्पेसशिप को इस तरह लांच किया जाएगा कि वह पृथ्वी के चारों तरफ एक पूरा चक्कर न काट सके। कुछ समय बाद पृथ्वी के चक्कर काटने वाले शिप्स भी बनाए जा सकेंगे।
अंतरिक्ष में बनेगा होटल
2005 से ही गैलैक्टिक ने यात्रा के लिए बुकिंग शुरू कर दी थी। एक टिकट का दाम है लगभग दो लाख डॉलर यानी करीब 80 लाख रुपए। लेकिन इस भाव पर भी 380 से ज्यादा लोग अंतरिक्ष की यात्रा करने को तैयार हैं। अंतरिक्ष का अनुभव रखने वाले महानुभावों के अलावा 2012 में जा रहे कुछ यात्री भी रनवे के उद्घाटन पर मौजूद थे। रूस के इगोर कुत्सेंको ने कहा कि यह उनका सपना है और वे अपने माता- पिता के साथ स्पेस का मजा लेंगे। उन्होंने अपने और अपने परिवारवालों के लिए एक लाख पचास हजार की राशि पहले से जमा कर दी है।
ब्रैंसन अपने यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर करवाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। लेकिन उनका कहना है कि 2012 तक की समय सीमा के बावजूद सुरक्षा पर पूरी तरह ध्यान दिया जाएगा। इस सिलसिले में अगले बारह महीनों में कई टेस्ट किए जाएंगे जिससे 2012 का सफर पूरी तरह सुरक्षित हो। ब्रैंसन उम्मीद करते हैं कि वह एक दिन अंतरिक्ष में अपना होटल खोल सकेंगे। ब्रैंसन 2012 में अपने माता पिता को भी अंतरिक्ष की सैर कराना चाहते हैं। उनके मुताबिक करीब 90 साल के उनके माता पिता जन्नत की सैर से पहले अंतरिक्ष की सैर करना चाहते हैं, और उनके पास वक्त कम है।
मात्र दो घंटे में अमेरिका से रूस
अगर अंतरिक्ष जाने के लिए महंगी टिकट आम आदमी को खटकती है, तो इसमें कोई चिंता वाली बात नहीं है। पृथ्वी पर रहकर भी तेज रफ्तार के मजे लिए जा सकते हैं। वर्जिन एक ऐसे तकनीक पर काम कर रहा है जिससे कुछ सालों में पृथ्वी पर ही एक जगह से दूसरे जगह तक और कम समय में पहुंचा जा सके। न्यू मेक्सिको के गवर्नर रिचर्डसन ने कहा कि आगामी दस साल में एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप की यात्रा महज 1-2 घंटों में तय की जा सकेगी। जैसे रूस से लेकर अमेरिका का ट्रिप महज 2 घंटों में। अभी सीधी फ्लाइट को भी अमेरिका से मॉस्को आने में नौ घंटे लगते हैं।
अगर वर्जिन एट्लैंटिक पृथ्वी की हवाओं पर सैर कराने के लिए है तो वर्जिन गैलैक्टिक का वादा है कि 2012 से वह लोगों को अतंरिक्ष तक घुमा लाएगा। कंपनी के मालिक रिचर्ड ब्रैंसन ने अमेरिका के न्यू मेक्सिको में नए रनवे का उद्घाटन किया। ब्रैंसन ने कहा, 'यह स्पेस एज का दूसरा दौर है और हमें गर्व है कि हम कहानी के इस मोड़ पर अपना योगदान दे रहे हैं। यहां से शायद हर रोज अंतरिक्ष के लिए फ्लाइटें रवाना होंगी। यही नहीं, वैज्ञानिक, एक्सप्लोरर हमारे ग्रह के आगे और नए विकल्प तलाशेंगे।' मौके पर मौजूद नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ चांद पर कदम रखने वाले एड्विन 'बज' एल्ड्रिन ने इस बात को लेकर खुशी जताई की आम लोग अंतरिक्ष जा सकेंगे।
खिड़की से देखेंगे पृथ्वी को 2012 के अंतरिक्ष टूरिस्ट, स्पेसशिप-2 या वीएसएस एंटरप्राइज पर सवार होंगे। इसमें छह यात्रियों के लिए जगह है, इसकी टेस्टिंग इस साल मार्च में संपन्न हुई है। यह स्पेसशिप करीब 18 मीटर लंबी है। शून्य गुरुत्व का आभास करते अंतरिक्ष यात्री आराम से इसके कैबिन में तैर सकेंगे।
उड़ान भर रहा स्पेसशिप का 'मदर शिप' वाइट नाइट- 2 या ईव, स्पेसशिप को 50 हजार फीट की ऊंचाई तक ले जाएगा और उसे वहां छोड़ देगा। स्पेसशिप- 2 अपना रॉकेट फायर करेगा और रॉकेट के दम पर अंतरिक्ष पहुंच जाएगा। बाहर पहुंचकर स्पेसशिप में बैठे यात्री पृथ्वी को विमान की गोलाकार खिड़कियों यानी पोर्टहोल से देख सकेंगे। वे अपने सीट- बेल्ट उतार कर आराम से शिप में तैर भी सकेंगे। ब्रैंसन ने कहा है कि इस वक्त स्पेसशिप को सबऑर्बिटल ही रखा गया है, यानी स्पेसशिप को इस तरह लांच किया जाएगा कि वह पृथ्वी के चारों तरफ एक पूरा चक्कर न काट सके। कुछ समय बाद पृथ्वी के चक्कर काटने वाले शिप्स भी बनाए जा सकेंगे।
अंतरिक्ष में बनेगा होटल
2005 से ही गैलैक्टिक ने यात्रा के लिए बुकिंग शुरू कर दी थी। एक टिकट का दाम है लगभग दो लाख डॉलर यानी करीब 80 लाख रुपए। लेकिन इस भाव पर भी 380 से ज्यादा लोग अंतरिक्ष की यात्रा करने को तैयार हैं। अंतरिक्ष का अनुभव रखने वाले महानुभावों के अलावा 2012 में जा रहे कुछ यात्री भी रनवे के उद्घाटन पर मौजूद थे। रूस के इगोर कुत्सेंको ने कहा कि यह उनका सपना है और वे अपने माता- पिता के साथ स्पेस का मजा लेंगे। उन्होंने अपने और अपने परिवारवालों के लिए एक लाख पचास हजार की राशि पहले से जमा कर दी है।
ब्रैंसन अपने यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर करवाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। लेकिन उनका कहना है कि 2012 तक की समय सीमा के बावजूद सुरक्षा पर पूरी तरह ध्यान दिया जाएगा। इस सिलसिले में अगले बारह महीनों में कई टेस्ट किए जाएंगे जिससे 2012 का सफर पूरी तरह सुरक्षित हो। ब्रैंसन उम्मीद करते हैं कि वह एक दिन अंतरिक्ष में अपना होटल खोल सकेंगे। ब्रैंसन 2012 में अपने माता पिता को भी अंतरिक्ष की सैर कराना चाहते हैं। उनके मुताबिक करीब 90 साल के उनके माता पिता जन्नत की सैर से पहले अंतरिक्ष की सैर करना चाहते हैं, और उनके पास वक्त कम है।
मात्र दो घंटे में अमेरिका से रूस
अगर अंतरिक्ष जाने के लिए महंगी टिकट आम आदमी को खटकती है, तो इसमें कोई चिंता वाली बात नहीं है। पृथ्वी पर रहकर भी तेज रफ्तार के मजे लिए जा सकते हैं। वर्जिन एक ऐसे तकनीक पर काम कर रहा है जिससे कुछ सालों में पृथ्वी पर ही एक जगह से दूसरे जगह तक और कम समय में पहुंचा जा सके। न्यू मेक्सिको के गवर्नर रिचर्डसन ने कहा कि आगामी दस साल में एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप की यात्रा महज 1-2 घंटों में तय की जा सकेगी। जैसे रूस से लेकर अमेरिका का ट्रिप महज 2 घंटों में। अभी सीधी फ्लाइट को भी अमेरिका से मॉस्को आने में नौ घंटे लगते हैं।
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