बृजलाल वर्मा
पलारी गाँव से दिल्ली तक की यात्रा
पिता- कलीराम वर्मा
जन्म- १६ मार्च १९१६, ग्राम पलारी जिला- बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़
मृत्यु- २० जुलाई १९८७
शिक्षा- प्राइमरी शिक्षा-
गृहग्राम- पलारी, जिला बलौदाबाजार (छ.ग.)
८वीं- पं. माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा संचालित सेवा सदन, हिरनखेड़ा, होशंगाबाद (म. प्र.)
मिडिल बोर्ड परीक्षा- गवरमेंट हाई स्कूल खंडवा (म. प्र.)
मेट्रिक- पं. मदनमोहन मालवीय
द्वारा संचालित सेंट्रल हिन्दू स्कूल बनारस (उ.प्र.),
(बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी)
इंटरमीडिएट- सिटी कॉलेज, जबलपुर (म. प्र.),
बी. ए., एल. एल बी.- मॉरिस कॉलेज, नागपुर, महाराष्ट्र (नागपुर विश्वविद्यालय)
सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-
-१९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जब वे मॉरिस कॉलेज, नागपुर में कानून की पढ़ाई कर रहे
थे तब आंदोलन की गतिविधियों मे संलग्न रहने के कारण एक वर्ष परीक्षा से वंचित किया
गया था।
-१९४४ से बलौदा बाजार में वकालत शुरू की। उन्होंने वकालत को पेशे के
रूप में कभी नहीं अपनाया, इसे शोषण के विरूद्ध लड़ाई का माध्यम बनाया।
-इसी दौरान वे सहकारी आंदोलन से जुड़े और उन्होंने किसानों में जागृति
लाने का बीड़ा उठाया। इस आंदोलन के नेतृत्व के दौरान वे जेल भी गए।
-पलारी को जिले का पहला विकास खंड ब्लाक बनाने का श्रेय।
-सुभाष सहकारी विपणन संस्था पलारी की स्थापना।
-किसान राइस मिल पलारी की स्थापना एवं मिल हेतु जमीन दान।
-अपनी पुश्तैनी सम्पत्ति- बालसमुंद जलाशय पलारी को किसानों के हित
में राज्य शासन को सौंपा।
-सिद्धेश्वर मंदिर पलारी (८वीं शताब्दी) का जीर्णोद्धार एवं बालसमुंद
जलाशय का घाट निर्माण।
-पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म कहि देबे संदेश (१९६५) के निर्माण में
महत्त्वपूर्ण योगदान, गृह ग्राम पलारी में फिल्मांकन।
विधानसभा, लोकसभा सदस्य-
-१९५२ से १९७२ तक विधानसभा सदस्य एवं केबिनेट मंत्री
-१९५२ आजादी के बाद प्रथम आम चुनाव में विधानसभा पलारी क्षेत्र से
चुने गए।
-१९५७ दूसरे आम चुनाव में भी विधायक चुने गए।
-१९६२ तीसरे आम चुनाव में भी अपने क्षेत्र से जीत हासिल की।
-१९६७ से १९६८ - संविद शासन मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए
नाम प्रस्तावित किया गया जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। तब अविभाजित मध्यप्रदेश
के आठ विभिन्न विभागों के केबिनेट मंत्री रहे - सिंचाई, विधि, योजना, विकास, कानून, जेल एवं अन्य विभाग।
-१९७४ से १९७७ तक प्रदेश अध्यक्ष, जनसंघ- मध्य प्रदेश
-१९७५ में आपातकाल के दौरान वे २२ माह तक राजनैतिक मीसाबंदी के रूप
में रायपुर, सिवनी, जबलपुर तथा तिहाड़ जेल दिल्ली में रहे।
-१९७७ के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी से महासमुंद से संसद सदस्य
चुने गए।
-१९७७ से १९७९ - भारत सरकार
में उद्योग एवं संचार विभाग के केन्द्रीय केबिनेट मंत्री रहे।
No comments:
Post a Comment