हालीवुड मूवी आई-रोबोट और टर्मिनेटर तो आपने देखी ही होगी। इन फिल्मों का रोबोट भी आपको अच्छी तरह याद होगा। ऐसे रोबोट जिनकी सिर्फ आप कल्पना कर सकते हैं, लेकिन ऐसे रोबोट, अब कल्पना नहीं रह गए हंै। आने वाले 50 साल में फ्रिज, टीवी, कंप्यूटर की तरह रोबोट घर-घर की जरूरत हो जाएंगे। और तब आपके घर के लिए रोबोट सब्जी लाएगा, कपड़े धोएगा, आपके बच्चों के साथ खेलेगा, घर की रखवाली करेगा और आप आराम से बैठकर अपनी मनपसंद सीरियल देख रहे होंगे।
काम रोबोट करेगा और उसका कंट्रोल आपके हाथों में होगा। ये सच है कि अब ऐसे रोबोट आ गए हैं जो इंसानी जरुरतों को पूरा करें। चीन को ही लीजिए गुआनग्सी प्रांत के नैनिंग में एक ऐसा रेस्तरां है जहां रसोइए का काम रोबोट संभालते हैं। इस अनोखे रेस्तरां को आई रोबोट रेस्तरां के नाम से जाना जाता है।
रेस्तरां के प्रबंधक हुआंग जियागो ने दो रोबोट को 50 हजार पौंड (करीब 40 लाख रुपये) में खरीदा है। उन्होंने बताया कि दोनों को खाना बनाने में महारत हासिल है। वे चीन के 100 से ज्यादा लजीज पारंपरिक व्यंजन बना सकते हैं। इतना ही नहीं कोई भी डिश बनाने में इन्हें सिर्फ दो से तीन मिनट का समय लगता है। हुआंग ने बताया कि ग्राहकों को साफ सुथरी और अच्छी सर्विस देने में इनसे काफी मदद मिल रही है। सबसे अच्छी बात है कि वे कभी शिकायत नहीं करते।
कंप्यूटर में संचित डाटाबेस की मदद से इन्हें संचालित किया जाता है। इस डाटाबेस में सैकड़ों व्यंजनों की मेन्यू और उसे तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब कई तरह के काम करने वाले रोबोट तैयार कर लिए गए हैं जिसमें माइक्रो रोबोट दुनिया में ऐसा रोबोट है जो उड़कर अपना कार्य करता है यह इतना छोटा है कि इसे देखने के लिए भी आंखों को परीश्रम करना पड़ता है। इस रोबोट का उपयोग शल्य चिकित्सा तथा माइक्रो अप्लिकेशन के निर्माण में किया जा सकता है।
काम रोबोट करेगा और उसका कंट्रोल आपके हाथों में होगा। ये सच है कि अब ऐसे रोबोट आ गए हैं जो इंसानी जरुरतों को पूरा करें। चीन को ही लीजिए गुआनग्सी प्रांत के नैनिंग में एक ऐसा रेस्तरां है जहां रसोइए का काम रोबोट संभालते हैं। इस अनोखे रेस्तरां को आई रोबोट रेस्तरां के नाम से जाना जाता है।
रेस्तरां के प्रबंधक हुआंग जियागो ने दो रोबोट को 50 हजार पौंड (करीब 40 लाख रुपये) में खरीदा है। उन्होंने बताया कि दोनों को खाना बनाने में महारत हासिल है। वे चीन के 100 से ज्यादा लजीज पारंपरिक व्यंजन बना सकते हैं। इतना ही नहीं कोई भी डिश बनाने में इन्हें सिर्फ दो से तीन मिनट का समय लगता है। हुआंग ने बताया कि ग्राहकों को साफ सुथरी और अच्छी सर्विस देने में इनसे काफी मदद मिल रही है। सबसे अच्छी बात है कि वे कभी शिकायत नहीं करते।
कंप्यूटर में संचित डाटाबेस की मदद से इन्हें संचालित किया जाता है। इस डाटाबेस में सैकड़ों व्यंजनों की मेन्यू और उसे तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब कई तरह के काम करने वाले रोबोट तैयार कर लिए गए हैं जिसमें माइक्रो रोबोट दुनिया में ऐसा रोबोट है जो उड़कर अपना कार्य करता है यह इतना छोटा है कि इसे देखने के लिए भी आंखों को परीश्रम करना पड़ता है। इस रोबोट का उपयोग शल्य चिकित्सा तथा माइक्रो अप्लिकेशन के निर्माण में किया जा सकता है।
MicroElectroMechanical Systems (MEMS) नामक यह रोबोट उड़कर अपना रास्ता तलाशता है और चुम्बक की मदद से हवा में तैर सकता है। लेजऱ बीम द्वारा दिशा निर्देश मिलने पर यह रोबोट सटीकता से सही जगह पर छोटे से छोटे यंत्र को फिट कर सकता है। इस रोबोट का उपयोग किसी यांत्रिक वाहन के छोटे- छोटे भागों पर कलपूर्जे लगाने, बायोलोजिक सेम्पल तैयार करने, और बारीक शल्य चिकित्सा में किया जा सकता है।
अमेरिकी इंजीनियरों ने एक और भी कमाल कर दिखाया है- उन्होंने कपड़े की तरह पहनने वाला रोबोट बना लिया है। अमेरिका की एक्समुवर्स होल्डिंग नामक कम्पनी जो कि इमोशन सेंसिंग अप्लिकेशन बनाने की विशेषज्ञ है ने यह रोबोट बनाया है। कोई भी व्यक्ति इस रोबोट को पहन सकता है। यह एक खोल की तरह होता है, और इसे पहनने वाले व्यक्ति को इसके अंदर घुसना होता है। यह रोबोट स्वयं खड़ा हो सकता है और प्रयोक्ता के नितम्ब और एड़ी की गतिविधियों को पहचान कर उस हिसाब से अपनी गति और दिशा को निर्धारित कर सकता है। इसकी अधिकतम गति 20 किमी प्रति घंटे की है। यह रोबोट अपंग व्यक्तियों के लिए काफी उपयोगी है। क्योंकि इसे पहनने के बाद वे भी आम आदमी की तरह आंख से आंख मिलाकर बात कर पाते हैं। यह रोबोट इसे पहनने वाले व्यक्ति के अंदर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भावना को भर देता है।
इस समय जो रोबोट हैं, भले ही उनके पास इंसान जैसा दिमाग न हो, कॉकरोच जितना दिमाग तो उसने पा ही लिया है। क्या इसकी कोई सीमा तय की जानी चाहिए? रोबोट को किस सीमा तक दिमाग दिया जाए या फिर कंट्रोल अपने हाथ में कितना रखा जाए।
अमेरिकी इंजीनियरों ने एक और भी कमाल कर दिखाया है- उन्होंने कपड़े की तरह पहनने वाला रोबोट बना लिया है। अमेरिका की एक्समुवर्स होल्डिंग नामक कम्पनी जो कि इमोशन सेंसिंग अप्लिकेशन बनाने की विशेषज्ञ है ने यह रोबोट बनाया है। कोई भी व्यक्ति इस रोबोट को पहन सकता है। यह एक खोल की तरह होता है, और इसे पहनने वाले व्यक्ति को इसके अंदर घुसना होता है। यह रोबोट स्वयं खड़ा हो सकता है और प्रयोक्ता के नितम्ब और एड़ी की गतिविधियों को पहचान कर उस हिसाब से अपनी गति और दिशा को निर्धारित कर सकता है। इसकी अधिकतम गति 20 किमी प्रति घंटे की है। यह रोबोट अपंग व्यक्तियों के लिए काफी उपयोगी है। क्योंकि इसे पहनने के बाद वे भी आम आदमी की तरह आंख से आंख मिलाकर बात कर पाते हैं। यह रोबोट इसे पहनने वाले व्यक्ति के अंदर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भावना को भर देता है।
इस समय जो रोबोट हैं, भले ही उनके पास इंसान जैसा दिमाग न हो, कॉकरोच जितना दिमाग तो उसने पा ही लिया है। क्या इसकी कोई सीमा तय की जानी चाहिए? रोबोट को किस सीमा तक दिमाग दिया जाए या फिर कंट्रोल अपने हाथ में कितना रखा जाए।
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