मॉय कम्प्यूटर
गया था। पालतू जानवरों को टे्रनिंग दे कर बहुत से काम सिखाए जाते हैं, इनमें कुत्ते को सबसे तेज माना जाता है वे बहुत जल्दी इंसानों की सिखाई हुई बातों को सीखता है। बिल्ली भी उसी श्रेणी में आती है। यदि कुत्ते, बिल्ली को इस तरह के काम करना सीखाना शुरु कर देंगे तो इंसान तो बेरोजगार हो ही जाएंगे।
विदेशों में भी शगुन- अपशगुन
विदेशों में भी लोग बिल्ली के रास्ता काट देने को शुभ नहीं मानते। लेकिन कानून तो इन सबसे परे होता है। द हेग में रहने वाले सीस शूरमांस को बिल्ली के रास्ता काटने पर दो मिनट रुकना बहुत मंहगा पड़ा। जब वे अपनी गाड़ी से बाहर जाने के लिए निकले तब टे्रफिक सिग्नल के पास एक बिल्ली ने उनका रास्ता काट दिया, लेकिन वे ग्रीन सिग्नल होने के बाद भी आगे नहीं बढ़े, तब यातायात के नियम तोडऩे के कारण उन पर 75 यूरो (4800 रुपये) का जुर्माना ठोक दिया गया। उनके इस अंधविश्वास ने उनके पीछे चल रहे लोगों को काफी तकलीफ हुई। इसके चलते शूरमांस को 95 डालर (करीब 4500 रुपये) जुर्माना भरना पड़ा। यह खबर उन भारतीयों के लिए खुशखबरी है जो इस तरह की बातों पर विश्वास करते हैं। अब वे यह कह सकते हैं कि हम भारतीय ही अंधविश्वासी नहीं होते।
मूंछों से देखता है चूहा
किन्ही कारणों से जब कोई इंसान अंधा हो जाता है, तो देखने में यह आया है कि मस्तिष्क का वह हिस्सा अन्य कामों में उपयोग होने लगता है। यानी मस्तिष्क का जो हिस्सा सामान्यत: दृष्टि प्रक्रिया के लिए जि़म्मेदार है उसको अन्य संवेदी अंगों से जोड़ दिया जाता है। शायद इसीलिए दृष्टिहीन व्यक्तियों के अन्य संवेदी अंग ज़्यादा पैने हो जाते हैं। अब यह पता चला है कि चूहों के अन्य शारीरिक अंग भी ऐसी स्थिति में स्वयं अनुकूलित हो जाते हैं।
नेशनल ऑटोनामस युनवर्सिटी ऑफ मैक्सिको, मैक्सिको सिटी के गैब्रियल गुटिएरेज़ और उनके सहकर्मियों ने 6 महीने की उम्र के चूहे लिए। इनमें कुछ चूहे नेत्रहीन थे और बाकी आंख वाले थे। शोधकर्ताओं ने इनकी मूंछों की गद्दी (व्हिस्कर पैड) का अध्ययन किया। अपने अध्ययन में उन्होंने पाया कि अंधे चूहों में व्हिस्कर पैड में ऊर्जा का उपयोग बड़ी सावधानी व कार्य क्षमता से किया जाता है और इनके द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र भी काफी अलग ढंग का होता है। प्रोसीडिंग्स ऑफ दी नेशनल एकेडमी ऑफ साइन्सेज़ में प्रकाशित इस परिणाम से लगता है कि इस प्रकार से इन चूहों की मूंछें कहीं अधिक संवेदी हो जाती हैं। इसके परिणास्वरूप ये चूहे छूकर खोजबीन करने में सामान्य से अधिक सक्षम हो जाते हैं।
इस अनुसंधान से इस बात की पुष्टि होती है कि अंधत्व के कारण सिर्फ मस्तिष्क का ही नहीं बल्कि पूरे शरीर का नए ढंग से पुनर्गठन होता है।
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