एक कहानी को भी स्थान दें
नवंबर माह की उदंती.com । पत्रिका की सुन्दर कलात्मक छपाई उसका प्रस्तुतीकरण बहुत सुन्दर है मेरी बधाई स्वीकार करें। इस का कलापक्ष सोनाबाई की कलाकृतियां, फीचर, लेख सभी पठनीय हैं। छत्तीसगढ़ का इतना अच्छा प्रस्तुतीकरण अब तक नहीं देखा। मेरी कामना है उदंती इसी प्रकार उन्नत होती रहे एक सुझाव है यदि हो सके तो एक कहानी को भी स्थान दे।
पहल तो करनी होगी
सही कहा आपने पहल तो करनी ही होगी। सबसे अच्छी पहल वही होती जो खुद से की जाएं। जिस व्यवहार से हमें तकलीफ होती है वो व्यवहार हमें नहीं करना है। बस हो गई पहल। ट्रेफिक रुल्स का पालन करना खुद से की शुरु करें।
0 आपने सही कहा किसी को तो पहल करनी होगी । यह एक अच्छा प्रयास है और ऐसी बत्तमीजियां मैंने भी देखी है आपका गुस्सा जायज है !!
मेरे पास इस समय नेट पत्रिका और प्रकाशित दोनों पत्रिका सामने है। ऐसी पत्रिका मैंने कम से कम भारत में और अपने जीवन में नहीं देखी। साज- सज्जा तो मन को मोह लेता है, सामग्री का चयन साबित करता है। मुझे दुख होता रहेगा कि क्योंकर मैं इसमें पहले नहीं छपा। साधुवाद।
मुस्कुराता हुआ गुलाब का फूल
नवंबर अंक का मुख पृष्ठ अपने कला पक्ष के लिए अद्वीतीय तो है ही, पत्रिका को हाथ में लेते ही ताजे खिले मुस्कुराते हुए गुलाब के फूल का अहसास होता है। भीतर के पृष्ठों में अंक संयोजन काबीले तारीफ है। रचनाएं इस बात की ओर इंगित करती हैं कि किसी कलाकार ने पूरी पत्रिका को मन से गढ़ा है। बधाई।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति और तहजीब
धन्य है वो माटी
सर्वप्रथम आप को बधाई इतनी सुंदर पत्रिका के प्रकाशन के लिए! नवंबर अंक में सोनाबाई से लिया गया साक्षात्कार पढ़ा ! धन्य है वो माटी जिसमें उस जैसी कलाकारा पैदा हुई जिसकी माटी ने उसकी माटी को भी बदल डाला! किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति, उसकी रहन-सहन उसके रीति रिवाज होते हैं!
छत्तीसगढ़ तो अपने आप में अपनी ही नहीं बल्कि भारत की संस्कृति उसके तहजीब के लिए पूरे संसार में जानी जाती है! आप का वार्तालाप जिस तरह से और जिन बारिकियों को उभार के लाया है साथ में बड़े सरल एवम् मार्मिक तरीके से जिन अनछुए पहलुओं को आप ने छुवा वह भी तारीफे काबिल है। यह लेख आनेवाली पीढ़ी के लिए एक रचनात्मक काम करेगा! बहुत अच्छा लगा पत्रिका को पढक़र। आभार ।
नवंबर माह की उदंती.com । पत्रिका की सुन्दर कलात्मक छपाई उसका प्रस्तुतीकरण बहुत सुन्दर है मेरी बधाई स्वीकार करें। इस का कलापक्ष सोनाबाई की कलाकृतियां, फीचर, लेख सभी पठनीय हैं। छत्तीसगढ़ का इतना अच्छा प्रस्तुतीकरण अब तक नहीं देखा। मेरी कामना है उदंती इसी प्रकार उन्नत होती रहे एक सुझाव है यदि हो सके तो एक कहानी को भी स्थान दे।
-आशा भाटी, इंदिरा नगर, लखनऊ
पहल तो करनी होगी
सही कहा आपने पहल तो करनी ही होगी। सबसे अच्छी पहल वही होती जो खुद से की जाएं। जिस व्यवहार से हमें तकलीफ होती है वो व्यवहार हमें नहीं करना है। बस हो गई पहल। ट्रेफिक रुल्स का पालन करना खुद से की शुरु करें।
-अंजीव पांडे, रायपुर से
0 आपने सही कहा किसी को तो पहल करनी होगी । यह एक अच्छा प्रयास है और ऐसी बत्तमीजियां मैंने भी देखी है आपका गुस्सा जायज है !!
-दीपक, कुवैत से
मन को मोह लेता हैमेरे पास इस समय नेट पत्रिका और प्रकाशित दोनों पत्रिका सामने है। ऐसी पत्रिका मैंने कम से कम भारत में और अपने जीवन में नहीं देखी। साज- सज्जा तो मन को मोह लेता है, सामग्री का चयन साबित करता है। मुझे दुख होता रहेगा कि क्योंकर मैं इसमें पहले नहीं छपा। साधुवाद।
- जयप्रकाश मानस, संपादक सृजनगाथा, रायपुर से
मुस्कुराता हुआ गुलाब का फूल
नवंबर अंक का मुख पृष्ठ अपने कला पक्ष के लिए अद्वीतीय तो है ही, पत्रिका को हाथ में लेते ही ताजे खिले मुस्कुराते हुए गुलाब के फूल का अहसास होता है। भीतर के पृष्ठों में अंक संयोजन काबीले तारीफ है। रचनाएं इस बात की ओर इंगित करती हैं कि किसी कलाकार ने पूरी पत्रिका को मन से गढ़ा है। बधाई।
- रोशनी मेहता, दिल्ली से
छत्तीसगढ़ की संस्कृति और तहजीब
धन्य है वो माटी
सर्वप्रथम आप को बधाई इतनी सुंदर पत्रिका के प्रकाशन के लिए! नवंबर अंक में सोनाबाई से लिया गया साक्षात्कार पढ़ा ! धन्य है वो माटी जिसमें उस जैसी कलाकारा पैदा हुई जिसकी माटी ने उसकी माटी को भी बदल डाला! किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति, उसकी रहन-सहन उसके रीति रिवाज होते हैं!
छत्तीसगढ़ तो अपने आप में अपनी ही नहीं बल्कि भारत की संस्कृति उसके तहजीब के लिए पूरे संसार में जानी जाती है! आप का वार्तालाप जिस तरह से और जिन बारिकियों को उभार के लाया है साथ में बड़े सरल एवम् मार्मिक तरीके से जिन अनछुए पहलुओं को आप ने छुवा वह भी तारीफे काबिल है। यह लेख आनेवाली पीढ़ी के लिए एक रचनात्मक काम करेगा! बहुत अच्छा लगा पत्रिका को पढक़र। आभार ।
-पराशर गौर, कनाडा से
1 comment:
A wonderful magzine on Chhattisgarh. My wishes and compliments for the Chhattisgarhies and the magzine.....raj tamrakar, Bangalore
Post a Comment