उदंती.com - जुलाई- 2018
बारिश रुकी हुई है कल से
और घुटन भी ज़्यादा है
रोकर कब दिल हलका हुआ है?
-गुलज़ार
दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़
-गुलज़ार
दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़
अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़
-शबाब ललित
कच्चे मकान जितने थे बारिश में बह गए
वर्ना जो मेरा दुख था वो दुख उम्र भर का था
वर्ना जो मेरा दुख था वो दुख उम्र भर का था
-अख़्तर होशियारपुरी
'कैफ़' परदेस में मत याद करो अपना मकाँ
'कैफ़' परदेस में मत याद करो अपना मकाँ
अब के बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा
-कैफ़ भोपाली
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